– दिखावे को लेकर की गई मॉकड्रिल, अब व्यवस्था पुराने ढर्रे पर
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
एक बार फिर कोविड मध्य प्रदेश में दस्तक दे चुका है। आपको अगर अपने स्वास्थ्य की चिंता है तो सावधानी खुद रखें, क्योंकि जिम्मेदार स्वास्थ्य अमला नींद में है। प्रदेशभर में अलर्ट के दौरान मॉकड्रिल के नाम पर दिखावे की तैयारी जरूर की गई थी, लेकिन वर्तमान में स्वास्थ सेवाएं काफी बदहाल हैं। राज्य में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना के 75 नये मामले सामने आए हैं और 2 लोगों की मौत भी हुई है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने जारी कोविड-19 बुलेटिन में दी।
बुलेटिन के मुताबिक नए मामलों में इंदौर में 19, भोपाल में 18, ग्वालियर में 12, जबलपुर में 9, राजगढ़ में 7, आगर मालवा में 4, सागर में 3 तथा खंडवा, रायसेन और सीहोर में 1-1 मरीज संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, राज्य में गुरुवार को कोरोना से दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। दोनों मृतक जबलपुर जिले के रहने वाले थे। इसके बाद मृतकों की सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कुल संख्या बढ़कर 10,785 हो गई है। ऐसे में रतलाम जिला अस्पताल की व्यवस्था सुचारू नहीं है। जिला और बाल अस्पताल में जहां मामूली बिमारीयों की दवा नहीं है। वहीं वरिष्ठ अधिकारियों की मॉनिटरिंग नहीं होने से हालत काफी बत्तर बने हुए हैं। जिला अस्पताल में रोजमर्रा की ओपीडी भी समय पर शुरू नहीं होती, जिससे मरीजों को लाइन में खड़े रहकर परेशान होना पड़ता है। जांच के नाम पर कीट नहीं होने से मरिज और परिजन को चक्कर कटवाए जा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक यह हालत इसलिए पनप रहे हैं कि डॉक्टर सिर्फ उपस्थति लगाकर प्राइवेट प्रैक्टिस में मस्त हैं और जनप्रतिनिधि पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। पूरे मामले में चर्चा के लिए सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर से संपर्क किया लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला।