असीम राज पांडेय, केके शर्मा
रतलाम। जन आशीर्वाद यात्रा से फूलछाप पार्टी आमलोगों को साधने में जुटी है। इसी यात्रा में ग्रामीण क्षेत्र में फूलछाप के दो नेता भिड़ गए। युवाओं की प्रदेश समिति में नियुक्त नेता से जिले के युवा नेता को पहलवानी भारी भी पड़ी। पार्टी के जिला मुखिया ने भी युवा नेता को नोटिस थमाया। अंदर की बात यह है कि पहलवानी करने वाले नेताजी किसी को कुछ नहीं समझते। इनके पीछे जिनका हाथ है उन्हीं के बदौलत गर्मी इनमें दूसरों से ज्यादा है। पहलवानी करने वाले युवा नेता पहले ग्राम पंचायतों में छोटे-छोटे काम करते थे लेकिन अब बड़े-बड़े काम करने लगे। गर्मी भी बड़े-बड़े काम से आई है। सवाल है कि इन्हें काम दिलाने वाले आखिर है कौन ?जिनका वरदहस्त है उन्होंने एक विभाग में इन्हें प्रतिनिधि बना रखा है। अंदर की बात यह है कि विवाद का कारण एक पेटी भी बनी है। खैर सवाल यह है कि अनुशासन की दुहाई देने वाली फूलछाप पार्टी पहलवानी करने वाले नेता को दिखावे की कार्रवाई करेगी या वरिष्ठ पर लात घुसें चलाने पर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएगी, यह आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।
कर्ज में फंसे लोगों ने चुकाया फर्ज
शहर के एक प्रतिष्ठित समाज का अंदरूनी क्लेश इन दिनों सड़क पर देखने को मिल रहा है। समाज के निर्वाचित मुखिया सूदखोरी से घिरे हैं और आये दिन शिकायतों से सुर्खियों में बने रहते हैं। ऐसे में समाज का प्रबुद्ध वर्ग भी नाराज है। हाल ही में मुखिया पर समाज के व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाए। मुखिया और उनके पुत्र जब हैडलाइन में छाए तो उन्होंने भी शिकवा-शिकायत के लिए भीड़ जुटाई। ये अंदर की बात है कि मुखिया के पक्ष में समाज के लोग तो कम ही थे, जो भीड़ जुटाई उसमें ऐसे चेहरे ज्यादा थे जिन्हें 20 से 30 प्रतिशत पर लिए कर्ज का फर्ज चुकाने का अनिवार्य रूप से मौजूद होने का आमंत्रण मिला था।
नियमों की दुहाई देने वाले भूल गए खुद नियम
पिछले दिनों शहर के एक क्षेत्र में गुंडा तत्वों से परेशान लोगों ने पुलिस कप्तान से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की। शाम होते-होते खुद कप्तान साहब अपने वाहन से क्षेत्र के पुलिस थाने पहुंच गए। कप्तान ने यहां से शासकीय बाइक ली और थाने के मुखिया को बैठाया। कप्तान बाइक चलाते हुए उन क्षेत्रों में पहुंच गए जहां के बदमाशों की शिकायत हुई थी। कप्तान की सजगता से क्षेत्र के लोग भी खुश हुए लेकिन साहब बिना हेलमेट के बाइक चलाते हुए अपने मातहतों के साथ पहुंचे, जो कि चर्चा का विषय रहा। चौराहों पर खाकी बिना हेलमेट के वाहन चलाने में चालानी कार्रवाई में सबसे आगे रहती है। ऐसे में इनके मुखिया भी अपने मातहतों के साथ बाइक चलाते समय नियम को दरकिनार कर हेलमेट पहनना भूल गए। खैर कोई बात नहीं कप्तान ने क्षेत्र में गुंडा तत्वों पर नकेल का जो संदेश दिया उससे आम लोगों के मन से डर जरूर हटेगा।