असीम राज पांडेय
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। विधानसभा चुनाव पूर्व शहर माननीय के हाथों सदस्यता ग्रहण कर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बंटोरने वाले नए-नवेले फूलछाप पार्टी नेता सोमवार को एमसीएक्स की कार्रवाई में दलाली करने थाने पहुंचे। फूलछाप पार्टी के इस नए-नवेले नेता का शहर के व्यस्त बाजार के थाने से पुराना नाता है। सोमवार को हुई नामचीन सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई में भी इन नेताजी ने थाने पहुंच एड़ी-चोटी का जोर लगाया। हालांकि नए नवेले नेताजी को इस बात का भान नहीं था कि उक्त कार्रवाई में प्रदेश के दूसरे नंबर के मुखिया की अहम भूमिका है। नए-नवेले नेताजी ने थाना प्रमुख को मनाने के काफी प्रयास किए, लेकिन वह यह नहीं जानते थे कि मामले में जिले की सुरक्षा की कमान सौंपने वाले भी राहत नहीं दे सकते हैं। ये अंदर की बात है कि कार्रवाई का इशारा बड़े स्तर से हुआ था। चौराहों पर चर्चा है कि नए-नवेले नेताजी को अभी फूलछाप पार्टी के कार्यों को समझने में समय लगेगा।
फूलछाप ही करने लगे नेताजी की आवभगत
जिले की आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्याशियों से कुर्सी छिनकर भोपाल पहुंचे नेताजी की रतलाम मुख्यालय पर आव-भगत जोरों पर है। दो पहिया वाहन से भोपाल पहुंचकर मीडिया में सुर्खियां बंटोरने वाले नेताजी विधानसभा के मुख्यालय पर फोर्च्यूनर वाहन में घूमते नजर आ रहे हैं। यह वाहन किसी और का नहीं बल्कि सत्ताधारी पार्टी में युवाओं की प्रदेश कार्यसमिति में शामिल रहे पूर्व नेताजी का है। युवाओं की प्रदेश कार्यसमिति में निर्वहन करने वाले इन नेताजी को विधानसभा चुनाव में प्रचारकों की मेहमान नवाजी की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में फूलछाप पार्टी को तीसरे नंबर पर पहुंचाकर विजय हुए नेताजी को खरीददारी कराने के साथ लग्जरी वाहन से घूमाना फूलछाप नेताजी भले ही अपने तात्कालिक लाभ के लिए कर रहे हों, लेकिन दूरगानी परिणाम अच्छे नजर नहीं आ रहे। ये अंदर की बात है कि फूलछाप के युवा नेता के जिस वाहन से नेताजी खरीददारी करने के आए थे, उस समय पार्टी को अग्रसर करने वाली संस्था के प्रमुख भी मौके पर खड़े थे और उन्होंने सबूत बतौर फोटोग्राफी भी की।
साफ-सफाई के मुखिया ने दिया करारा जवाब
आचार संहिता खत्म होने के बाद जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में बाड़ाबंदी करने में जुट गए हैं। ऐसा ही एक मामला पिछले दिनों शहरवासियों को मूलभूत सुविधा देने वाले विभाग में नजर आया। चुनावी थकान मिटाकर पहुंचे नेताओं ने शहरी सीमा से बाहर गए वाहन से दुर्घटना का मामला पत्र लिखकर उठाया। जिन जनप्रतिनिधियों ने यह मामला उठाया है वह पिछले कुछ समय से संबंंधित विभाग प्रमुख की उपेक्षा से नाराज दिखाई दे रहे हैं। शहर की साफ-सफाई वाले मुखिया के पास जनप्रतिनिधियों की शिकायत रूपी पत्र जब पहुंचा तो उन्होंने उनके द्वारा ली गई स्वीकृति से शहरी सीमा से वाहन बाहर भेजने की लाइन लिख दी। ये अंदर की बात है कि जोर-शोर से बाड़ा बंदी करने पहुंचे जनप्रतिनिधियों को जब साहब द्वारा अधीनस्थ विभाग प्रमुख के पक्ष लेने की जानकारी मिली तो सभी खिसयाये से नजर आए और इनकी अब अधीनस्थ के बजाए मुखिया के प्रति नाराजी उपज चुकी है।