असीम राज पांडेय
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। खुद के वाहन की सुरक्षा नहीं कर पाने वाले थाने में अजब-गजब का माहौल है। थाना प्रमुख को क्षेत्र में अवैध गतिविधियां नजर नहीं आती वहीं सुनाई देना भी बंद हो गया था। प्रदेश के मुखिया ने इम्तिहान से पूर्व जिले के आकाओं को ताकिद कर दिया था कि ध्वनि प्रदूषण किसी भी सूरत में नहीं होना चाहिए। थाने के सामने दूधिया रोशनी में फूलछाप पार्टी के फ्लॉप एक्टर ने मुख्यमंत्री के आदेश की रात 2 बजे तक खिल्ली उड़ाई। परीक्षा की घड़ी में देर रात मैदान में चौके-छक्के लगते ही कानफोडू डीजे और कांमेंट्री ने बता दिया कि नियम आम आदमी के लिए हैं, न कि फूलछाप का गले में दुपट्टा डालने वालों के लिए। क्रिकेट मैच की कानफोड़ू कॉमेंट्री रोकने की हिम्मत नहीं जुटाने वाले थाना प्रमुख ने पिछले दिनों मांगलिक कार्यक्रम में बिल्लियों को भेज साउंड जब्त करने कोशिश की। ये अंदर की बात है कि जिस स्थान पर मांगलिक कार्यक्रम हो रहा था, वहां से कुछ ही दूरी पर साहब का बंगला है और उन्हें नींद में खलल पड़ रहा था। रहवासियों में चर्चा है कि फूलछाप पार्टी के फ्लॉप एक्टर के क्रिकेट मैचों में देर रात तक कानफोड़ू साउंड के दौरान साहब ने शायद अपने कानों में कॉटन (रूई) भर रखी थी।
कांटे में दाना डाल फंसा ली मछली
अरसे से उपेक्षा का शिकार राजीव गांधी सिविक सेंटर के भूखंडों की ताबड़तोड़ रजिस्ट्री और कब्जे की कार्रवाई सुर्खियां बंटोर रही है। इसके पीछे एक कहानी काफी रोचक और ठगी को बयां कर रही है। निगम के नेताजी को चंद दिनों के मेहमान आलाकमान ने कांटे में दाना डाल ऐसा फंसाया कि वह उलछकर रह गए। कहानी का सारांश यह है कि चंद दिनों के आलाकमान ने नेताजी को राजस्व विभाग की जमीन का बाकी साढ़े चार करोड़ का भू-भाटक भरवाकर खजाने में पांच गुना राशि जमा कराने का सपना दिखाया। आलाकमान के फेंके इस कांटे के दाने में नेताजी भी आ गए और उन्होंने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए साढ़े चार करोड़ भू-भाटक जमा कराने का फरमान दे दिया। चंद दिनों के मेहमान इस आलाकमान ने एक भूमाफिया से सांठगांठ कर ऐसी जादूगरी दिखाई कि अब नेताजी सोच में डूबे हैं कि आखिर वह कांटे में फंसे दाने को खाने ही क्यों गए थे ? क्योंकि भूमाफिया के साथ चंद दिन के मेहमान आलाकमान ने ऐसा खेल दिखाया कि अब नेताजी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।
चापलूस “भिनभिनाने” लगे इर्द-गिर्द
फूलछाप पार्टी में नए जिला मुखिया के करीब अब चापलूसों की भीड़ नजर आने लगी है। कारण सभी को जिले की नई कार्यकारणी में शामिल जो होना है। ऐसे में पार्टी की गुटबाजी भी चरम पर जनता को दिखाई दे रही है। प्रदेश कार्यालय की मानें तो अबकी बार जिले की नई कार्यकारणी में मेहनती और पार्टी हित में काम करने वालों को ही मौका दिया जाएगा। इससे मंडल और कमंडल में पद लेकर झांकी दिखाने वालों की हार्टबीट बढ़ी है। बताया जा रहा है कि पिछले साढ़े तीन वर्ष के भीतर पार्टी के आदेशों पर कौन, कब, कितना और कैसे खरा उतरा है उसका बही-खाता तैयार हो रहा है। यह बही-खाता प्रदेश संगठन के पास जल्द पहुंचने वाला है, इसके बाद उक्त बही खाते में दर्ज नंबर के आधार पर वर्तमान में मंडल में शामिल होकर कमंडल हाथों में पकडऩे वालों का पार्टी में भविष्य तय होगा। ये अंदर की बात है कि विधानसभा चुनाव के बूथस्तर का रिजल्ट और हाल में झाबुआ में पीएम दौरे में भीड़ जुटाने की मेहनत को भी प्रश्न-पत्र में शामिल कर अंक दिए जाएंगे।