– 6 मई-2019 को लोकायुक्त ने धरा था 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते चेम्बर में
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिले के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी को भ्रष्टाचार के एक मामले में मंगलवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए चार वर्ष का सश्रम कारावास और आर्थिक दंड दिया है। उक्त फैसला विशेष न्यायालय ने न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत सुनाया है। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर चौहान को सजा निजी स्कूल संचालक से रिश्वत लेने पर लोकायुक्त द्वारा रंगे हाथो पकड़ने पर सुनाई गई है।
मंगलवार को विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वतखोर पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी चौहान को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा दो हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका है। बता दें कि जावरा के एक निजी स्कूल की शिकायत पर पूर्व लोकायुक्त डीएसपी शैलेंद्रसिंह ठाकुर ने रतलाम के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर चौहान को 6 मई-2019 को 15 हजार रुपए रिश्वत लेते चेम्बर में गिरफ्तार किया था। पूर्व रिश्वतखोर जिला शिक्षा अधिकारी चौहान अपने कार्यकाल के दौरान काफी विवादों से सुर्खियों में भी रहे थे।
शिकायत पर खेला था रिश्वत का खेल
जावरा के बन्नाखेड़ा स्थित निजी स्कूल संचालक सुखदेव पांचाल ने लोकायुक्त में दर्ज शिकायत में बताया था कि तीन साल पहले मंदसौर निवासी तीन बच्चों निर्मल, निकिता तथा नरेंद्र को एडमिशन दिया था। बच्चों के परिजन ने स्कूल फीस नहीं भरी थी। इसलिए कुचड़ौद के स्कूल संचालक प्रकाश जैन ने बच्चों की टीसी नहीं दी। अभिभावकों ने शिकायत मंदसौर जिला शिक्षाधिकारी से की थी। बाद में स्कूल संचालक जैन ने बगैर टीसी स्कूल में प्रवेश देने पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए दो साल पहले स्कूल संचालक सुखदेव पांचाल के खिलाफ रतलाम जिला शिक्षाधिकारी को शिकायत की। संचालक पांचाल ने बताया इसी शिकायत पर स्कूल की मान्यता रद्द करने की धमकी देकर 2017 में पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी चौहान ने 35 हजार रुपए तथा दूसरी बार 15 हजार रुपए लिए। स्कूल की मान्यता रद्द करने की धमकी देकर फिर से 50 हजार रुपए मांगे तो उन्होंने मामले की उज्जैन लोकायुक्त में शिकायत की थी।