रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस बनने के बाद शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय की कायाकल्प की तैयारी शुरू हो गई है कॉलेज में शुरू किए गए नए विभागों के लिए निर्माण प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं । महाविद्यालय की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष विनोद करमचंदानी एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वायके मिश्र ने कहा कि महाविद्यालय को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के मानकों के अनुसार बनाया जाना है, इसके लिऐ प्रारंभिक तौर पर तैयारी हेतु शासन से साढे चार करोड़ की राशि प्राप्त हो चुकी है ।
समिति अध्यक्ष करमचंदानी ने बताया कि महाविद्यालय के शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं जनभागीदारी समिति में विचार विमर्श के बाद महाविद्यालय की निर्माण प्राथमिकताएं तय की गयी हैं ।उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप के मार्ग दर्शन में महाविद्यालय का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। उल्लेखनीय है मप्र शासन, उच्च शिक्षा विभाग एवं मंत्री काश्यप के प्रयासों से महाविद्यालय की आवश्यकताओं को देखते हुए निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए नई दिल्ली के आर्किटेक्ट लोकेश शर्मा को नियुक्त किया गया है। शर्मा द्वारा जनभागीदारी समिति अध्यक्ष विनोद करमचंदानी, प्राचार्य डॉ. मिश्र एवं प्राध्यापक डॉ. विनोद शर्मा, डॉ. सीएल शर्मा के साथ सर्वप्रथम सम्पूर्ण कॉलेज परिसर का भ्रमण कर पहले से उपलब्ध संसाधनों और नये निर्माण की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।तत्पश्चात प्राथमिकता के आधार पर अधोसंरचना विकास के प्रस्ताव को तैयार किया गया।
आगामी कार्ययोजना को लेकर यह है तैयारियां
प्रस्ताव के अंतर्गत पहले चरण में स्वीकृत राशि से वर्ल्ड बैंक के दो मंजिल भवन के उपर 1500 मीटर का निर्माण किया जावेगा । इसके साथ ही खेल मैदान का समुचित नवीनीकरण एवं जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ नवीन दोनो भवनों के समक्ष फुटपाथ, लैण्ड स्कैपिंग का कार्य कराया जावेगा। जबकि आगामी चरणों में विज्ञान भवन, सामाजिकी भवन, वाणिज्य भवन, स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, खेल परिसर में नए बदलाव किये जा सकते हैं। महाविद्यालय में पांच सौ सीटर ऑडिटोरियम बनाने, नयी प्रयोगशालाओं के निर्माण, नये स्मार्ट क्लासेस के निर्माण की योजना पर भी विचार विमर्श किया गया। करमचंदानी ने बताया कि एमएसएमई मंत्री काश्यप की मंशा के अनुरूप महाविद्यालय में शोध को बढावा देने के लिये एंक्यूबेटर सेंटर स्थापित कर उसे एमएसएमई विभाग से जोडने की भी योजना है । शासन से जैसे-जैसे राशि प्राप्त होती जाएगी उसे प्राथमिकता के आधार पर अधोसंरचना विकास एवं विद्यार्थी सुविधाओं की बढोत्तरी के लिये व्यय किया जाएगा ।