– हारे का सहारा बाबा श्याम हमारे होंगे झांकियों में आकर्षण का केंद्र, झिलमिलाती रोशनी बनेगी आकर्षण का केंद्र
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। अनंत चतुर्दशी पर जवाहर व्यायाम शाला और अंबर ग्रुप द्वारा भव्य अखाड़ा निकाला जाएगा। 17 सितंबर-2024 को पिछले 38 वर्षों की पंरपंरा को कायम रखते हुए अखाड़े में 3 हजार पहलवान शरीर सौष्ठव सहित अपनी कलाओं के हैरत अंगेज करतब दिखाएंगे, वहीं हारे का सहारा बाबा श्याम हमारे झांकियों में आकर्षण का केंद्र होंगे।
धार्मिक और ऐतिहासिक पंरपरा के अनुसार जवाहर व्यायाम शाला और अंबर ग्रुप द्वारा 17 सितम्बर-2024 को भव्यता के साथ गणेश विसर्जन के दौरान अनंत चतुर्दशी पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जवाहर व्यायाम शाला और अम्बर ग्रुप द्वारा निकाली जाने वाली दुधिया रोशनी से सुज्जित झिलमिलाती भव्य झांकी का निर्माण कांतिलाल माली ने तैयार की है। झांकी में महाभारत वर्णित पाण्डव पुत्र भीम, घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक जिन्हें पूरी दुनिया खाटू श्याम के नाम से श्रद्धा नमन करती है। हारे का सहारा भगवान खाटू श्याम की संपूर्ण लीला दर्शकों तक सहज रूप से पहुंचाने की कोशिश की गई है। झांकियों का निर्माण तीन भाग में किया गया है। प्रथम भाग में भगवान श्री कृष्ण को अपना शीश अर्पण करते हुए महादानी खाटूश्याम भगवान को दर्शाया गया है, दूसरे दृश्य में महाभारत युद्ध की सार्थकता को दर्शाने के साथ अंतिम दृश्य में भगवान खाटू श्याम का दरबार दिखाया गया है। अखाड़े के संरक्षक दौलत जाट, सुरेश जाट, अखाड़े के संचालक वैभव जाट, गौरव जाट के निर्देशन में करीब 3 हजार पहलवान बैंड और ढोल पार्टी के सुमधुर स्वर लहरियों के साथ आपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इसके अतिरिक्त मलखंब के नन्हे नन्हे खिलाड़ी जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रतलाम का नाम गौरवांवित किया है, वह भी अपनी अद्भूत कला का प्रदर्शन करेंगे।
38 वर्षों के सफर पर एक नजर
जवाहर व्यायाम शाला के सचिव राजीव रावत ने बताया कि वर्ष 1986 से रतलाम में गणेश उत्सव के समापन यानी अनंत चतुर्दशी की रात हजारों की तादाद में कला साधक अपने-अपने मार्गदर्शक (उस्ताद और खलिफाओं) के साथ सडक़ों से निकलते हैं तो उन्हें देखने वालों का उत्साह और जोश देखते ही बनता है। पूर्व रतलाम केसरी नारायण पहलवान ने इस चल समारोह की आधारशीला रखी थी। उनके द्वारा धार्मिक आस्था और युवाओ के अंदर अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम और श्रद्धा स्थापित करने के उद्देश्य से जो बीड़ा उठाया था वह आज भी निरंतर गतिमान है। बता दें कि रतलाम रतलाम की जीवन रेखा सज्जन मील के बंद होने से लोगो में काफी निराशा व्याप्त थी। इस दौरान मजदूर और व्यापारी चिंता में रहते थे कि मील बंद होने से झांकी कैसे निकलेगी तब स्व. नारायण पहलवान ने झांकी और अखाड़े दोनो का नेतृत्व अपने हाथो में लेकर रतलाम की धर्मप्रेमी जनता को अनुपम सौगात प्रदान की थी। इसी सौगात और परंपरा को जवाहर व्यायाम शाला और अंबर ग्रुप द्वारा निरंतर कायम रखा जा रहा है।