असीम राज पांडेय, रतलाम। श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र मां कालिका माता मेले में मंच से होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम काफी बोरियत भरे रहे। जिम्मेदारों ने भले ही दस्तावेजों पर वृहद कार्यक्रम आयोजित कर जनता को मंच के सामने बैठाने का प्रलोभन दिया हो, लेकिन शहर की पढ़ी-लीखी जनता ने नवरात्रि के पहले दिन से होने वाले कार्यक्रम को देख घोषणा कर दी थी कि यहां पर सिर्फ नट्टू काका की जादूगरी ही देखने को मिलेगी। फलसफा नट्टू काका की जादूगरी का पिटारा अंतिम रात हास्य कवि सम्मेलन में सभी के सामने खुलकर आ गया। सुर्खियां बटोरने के लिए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की तरह नवरात्रि मेले में दुकानों पर आधार कार्ड अंकित करने का फरमान भी बखूबी जारी हुआ। यहां पर भी नट्टू काका और उनकी टीम ने ऐसा मनोरंजन किया कि मेले में वाहन स्टैंडों पर जनता चिक-चिक करती रही और बाहर से सामान लेकर आए दुकानदार भी बिचौलियों से दुकान आवंटन में चप्पल खिसते रहे। नट्टू काका की मेहरबानी से सामान्य प्रशासन समिति में क्या-क्या गुल खिल रहे हैं, यह जनता के साथ अब फूलछाप के पदाधिकारी भी अच्छे से वाकिफ हो गए हैं।
खाकी भी दागदार, किसका भरोसा करें सरकार
देश से लेकर प्रदेश के मुखिया भले ही नारी शक्ति के सम्मान और सुरक्षा को लेकर कितने भी दावें भर लें, लेकिन रतलाम के एक पुलिसकर्मी ने पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शांति से निपटे त्योहार के बाद जिले की सुरक्षा संभालने वालों ने चैन की सांस भी नहीं ली कि एक वर्दीधारी ने खाकी पर दाग लगाकर पूरे महकमें को शर्मसार कर दिया। आशिक मिजाज इस वर्दीधारी का रौब इतना कि पीड़िता से छेड़खानी करते-करते यह उसके घर तक जा पहुंचा। लोक लज्जा से बाहर निकल पीड़िता ने जब विरोध किया तो उसके भाई ने पूरी कहानी सुनी। भाई जब बहन को लेकर थाने पहुंचा तो यहां पर पहले से तैनात आरोपी खाकीधारी ने उन्हें खूब डराया और धमकाया। प्रचलित कहावत है कि घुटना पेट की तरफ ही झुकता है… इस कहावत को दो दिन पूर्व थाने में आरोपी पुलिसकर्मी को बचाने में जुटे कुछ कर्मचारियों ने भी चरितार्थ कर दिखाया। पीड़िता और उसके भाई को कानूनी कार्रवाई में करीब 4 घंटे थाने पर बैठाकर तरह-तरह के प्रलोभन से दबाव बनाया। ये अंदर की बात है… कि खाकी ही दागदार है तो अब किसका भरोसा करें सरकार…।
हाथछाप का जागृति अभियान सिर्फ फोटो तक सीमित
महिलाओं एवं बालिकाओं पर अत्याचार का विरोध एवं सुरक्षा के लिए हाथछाप पार्टी इन दिनों तरह-तरह के पैतरे दिखाकर अपना वजूद दिखाने की सिर्फ कोशिश भर में जुटी है। चौराहों पर चर्चा है कि नवरात्रि में हाथछाप का होमगार्ड कॉलोनी में कन्या पूजन का कार्यक्रम हो या फिर माननीय मंत्रीजी के कार्यालय पर ज्ञापन का मामला। दोनों मामलों में हाथछाप की किरकिरी के चर्चे आम और खास में खूब हैं। हाथछाप ने कन्या पूजन में बच्चियों को सिर्फ टॉफी बांटकर फोटो की रस्म निभाई। इतना ही नहीं माननीय मंत्रीजी के कार्यालय पर महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा की मांग को लेकर पहुंचे हाथछाप पदाधिकारी अपनी पार्टी से कुल जमा 30 लोग इकट्ठा कर नहीं ले जा सके। ज्ञापन प्रदर्शन में हाथछाप उन महिलाओं को भी नहीं जोड़ पाई, जिनके लिए प्रदर्शन किया जा रहा था। चौराहों से लेकर अब राजनीति गलियारों में चर्चा खास है कि हाथछाप का कन्या पूजन और प्रदर्शन सिर्फ नोटंकी भर है। ये अंदर की बात है… यह नोटंकी भी इसलिए की जा रही है कि ताकि समय-समय पर समाचार पत्रों में सिंगल कॉलम फोटो छप सके।