– कोर्ट में बोली 10 वर्षीय मासूम रात में मम्मी-पापा के बीच झगड़ा हुआ, सुबह उठे तो मम्मी मर चुकी थी
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित नामली में दो साल पहले पत्नी की हत्या के मामले में कोर्ट ने पति को आजीवन कारावास की सख्त सजा सुनाई है। 10 साल की मासूम बेटी का बयान कोर्ट के फैसले का आधार बना है। अभियुक्त पति पर 5 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। फैसला तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश बरखा दिनकर ने सुनाया है। खास बात यह है कि कोर्ट ने मप्र अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 के तहत मृतका के बच्चों को प्रतिकर राशि देने की जिला विधिक प्राधिकरण से अनुशंसा भी की है। शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक सतीश त्रिपाठी ने की है।
अपर लोक अभियोजक त्रिपाठी ने बताया कि 9 अगस्त 2022 की रात शोभाबाई जाट की हत्या के मामले में अभियुक्त पति विजय जाट निवासी नामली को कोर्ट ने सजा दी है। 9 अगस्त 2022 की रात को शोभा, उसका पति विजय एक कमरे में सो रहे थे। 10 अगस्त की सुबह पत्नी का शव मिला। जानकारी मिली की रात को पति-पत्नी में झगड़ा हुआ था। पहले भी इन के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद होता रहता था। पुलिस जांच में पता चला कि शोभा की मौत गला दबाने से हुई थी। पुलिस ने आरोपी पति विजय को 21 अगस्त 2022 को गिरफ्तार कर नामली थाने ने हत्या का केस दर्ज किया।
अभियुक्त पति बोला था दादा दादी को बुलाकर लाओ
मृतका की 10 साल की बेटी के साथ ही 11 लोगों के बयान कोर्ट में दर्ज हुए। कोर्ट ने आरोपी पति विजय को दोषी मानते हुए सजा दी। फैसला का मुख्य आधार आरोपी की 10 साल के बेटी का बयान रहा है। मासूम ने कोर्ट में बयान दिया कि वह वारदात के दौरान घर पर ही थी। मासूम खुशी ने बयान में बताया कि घटना की रात माता-पिता के बीच झगड़ा हो रहा था। पिता ने हमें दूसरे कमरे में सुला दिया। इसके बाद लगभग 1 घंटे तक दोनों में झगड़ा चलता रहा। फिर आवाज आना बंद हो गई। मुझे और मेरे छोटे भाई को नींद आ गई। सुबह जब हम स्कूल के लिए तैयार हुए और पापा को बोला कि हमें स्कूल जाना है मम्मी को उठाओ। पापा ने कहा कि पास में रहने वाले दादा-दादी को बुलाकर लाओ। हम उन्हें बुलाने गए इतने में पापा वहां से भाग गए। दादा-दादी ने मम्मी को देखकर कहा कि उनकी मृत्यु हो गई है। इसके बाद उनको अस्पताल लेकर गए। कोर्ट ने मृतका की बेटी के साक्ष्य को संदेह से परे मानते हुए घटना का साक्षी माना।