19.8 C
Ratlām
Sunday, December 22, 2024

MP Politics : ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा की नसीहत 

MP Politics : ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाजपा की नसीहत 

‘कांग्रेस नहीं, यह भाजपा है… यहां संगठन से ऊपर कोई नहीं’, सिंधिया का पकड़ा गया झूठ 

भोपाल, वंदेमातरम् न्यूज। मध्य प्रदेश में विजयपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी की हार को लेकर भाजपा की आंतरिक खींचतान में कई नेताओं के निशाने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आ गए हैं। भाजपा ने उन्हें स्पष्ट संदेश दे दिया है कि पार्टी में संगठन से ऊपर कोई नहीं है।

दरअसल, ज्योतिरादित्य ने विजयपुर विधानसभा सीट पर हार को लेकर कहा था कि मुझे चुनाव प्रचार के लिए बुलाया जाता तो मैं अवश्य जाता। प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने इसकी प्रतिक्रिया में जो बयान जारी किया, वह उनका विचार ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर बनी सहमति को दर्शाता है।  इसमें कहा गया कि सिंधिया को प्रचार के लिए आमंत्रित किया गया था। इसका परोक्ष संदेश यही है कि वह (सिंधिया) पार्टी के अनुशासन में रहें। यहां की कार्य संस्कृति कांग्रेस की तरह नहीं है कि कोई खुद को पार्टी से ऊपर रखे और बयान देकर संगठन को घेरने का प्रयास न करें।

दिल्ली तक पहुंच गई सिंधिया की बात

– पार्टी सूत्र बताते हैं कि ज्योतिरादित्य के बयान को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने भी गंभीरता से लिया है और उनकी सहमति के बाद ही संगठन का बयान सामने आया।

– दरअसल, विजयपुर में भाजपा को मिली करारी पराजय का ठीकरा किस के सिर फोड़ा जाए, अब इसे लेकर राजनीति तेज हो गई है। पहले तो भाजपा ने यह कहकर पल्ला झाड़ने का प्रयास किया कि स्वतंत्रता के बाद से ही यह सीट कांग्रेस की रही है।

– इसी बीच जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी विजयपुर हार पर सवाल उठाया तो हंगामा होना स्वाभाविक था। सिंधिया के यह कहने ‘अगर मुझे बुलाया जाता तो मैं जरूर जाता’ पर सत्ता- संगठन ने आपत्ति ली।

केंद्रीय नेतृत्व को बताया गया। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद भाजपा की ओर से जारी जवाब में कहा गया कि विजयपुर विधानसभा उपचुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम शामिल था।

– मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने विजयपुर में प्रचार के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को आमंत्रित किया था। पार्टी के इस बयान से सिंधिया का झूठ भी सामने आ गया।

समझिए सिंधिया ने क्यों बनाई उपचुनाव से दूरी

– ग्वालियर-चंबल में वर्चस्व की लड़ाई कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए रामनिवास रावत विजयपुर से प्रत्याशी थे। उनकी जीत से केवल दो नेताओं का कद प्रभावित हो सकता था। पहला नाम विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का था, क्योंकि उन्होंने ही रामनिवास को लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में लाने के लिए तैयार किया था।

– यदि रामनिवास रावत जीत जाते तो ग्वालियर- चंबल की राजनीति में नरेंद्र सिंह तोमर का कद बढ़ जाता। रामनिवास की जीत से दूसरे प्रभावित होने वाले नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया थे, यदि रामनिवास जीतते तो सिंधिया का क्षेत्र में वर्चस्व कम होता। इसी वर्चस्व की लड़ाई में ज्योतिरादित्य ने उपचुनाव से दूरी बनाए रखी।

पहले ज्योतिरादित्य के करीबी थे रामनिवास

– रामनिवास रावत से ज्योतिरादित्य सिंधिया की हालिया नाराजगी की वजह बहुत पुरानी नहीं है। कांग्रेस में रहते हुए वह ज्योतिरादित्य के बेहद करीबी थे। वर्ष 2020 में जब ज्योतिरादित्य के साथ रामनिवास ने कांग्रेस नहीं छोड़ी, तो वह नाराज हो गए थे।

– यही वजह है कि ज्योतिरादित्य ने भी विजयपुर उपचुनाव से दूरी बनाकर रखी, जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा। छह बार कांग्रेस से विधायक रहे रामनिवास इसी वर्ष जुलाई में त्यागपत्र देकर भाजपा में आए थे और उन्हें मंत्री बनाकर उपचुनाव लड़वाया गया था।

Aseem Raj Pandey
Aseem Raj Pandeyhttp://www.vandematramnews.com
वर्ष-2000 से निरतंर पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विगत 22 वर्षों में चौथा संसार, साभार दर्शन, दैनिक भास्कर, नईदुनिया (जागरण) सहित अन्य समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए वर्तमान में समाचार पोर्टल वंदेमातरम् न्यूज के प्रधान संपादक की भूमिका का निर्वहन। वर्ष-2009 में मध्यप्रदेश सरकार से जिलास्तरीय अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार के अलावा रतलाम प्रेस क्लब के सक्रिय सदस्य। UID : 8570-8956-6417 Contact : +91-8109473937 E-mail : asim_kimi@yahoo.com
Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Copyright Content by VM Media Network