– विधायक और डॉक्टर ने एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप, थाने पहुंची दोनों पक्षों की शिकायत
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। जिला मुख्यालय का सरकारी अस्पताल बीती रात से सुर्खियों में है। दरअसल गुरुवार रात जिला अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर व सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार के बीच जमकर विवाद हुआ। डॉक्टर ने विधायक को अश्लील गाली दी। डॉक्टर ने भी विधायक पर गाली देने का आरोप लगाया। विधायक ने डॉक्टर को यहां तक कहा कि किसको बुलाएगा। उक्त घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। बता दें इसके पूर्व सिविल सर्जन से मारपीट के मामले में रतलाम जिला अस्पताल काफी बदनाम हो चुका है।
गुरुवार रात सैलाना विधायक अपने पीएसओ व दो अन्य लोगों के साथ जिला अस्पताल में परिचित मरीज को देखने गए थे। उसी दौरान ड्यूटी पर डॉ. सीपीएस राठौर थे। कक्ष क्रमांक 8 में विधायक ने जाकर पूछा ड्यूटी डॉक्टर कौन है? इसी सवाल पर डॉक्टर राठौर भड़क गए और कहा सुनी इतनी बड़ी की बात गाली गलौच तक जा पहुंची। हॉस्पिटल के प्राइवेट गार्ड व जिला अस्पताल पुलिस चौकी के जवान भी पहुंचे। उन्होंने दोनों को शांत कराया। बताया जा रहा है कि विधायक डोडियार ने डॉक्टर के खिलाफ स्टेशन रोड थाने पर शिकायत की है। वहीं डॉक्टर ने भी विधायक के खिलाफ शिकायत की है।
वायरल वीडियो की यह है कहानी
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ उसमें विधायक डोडियार डॉक्टर को बोल रहे है बुला किसको चौकी से बुलाएगा… तब डॉक्टर गाली कहता है। तभी उनका पीएसओ कहता है आपने गाली क्यों बकी। तब फिर डॉक्टर कहता है कि इलाज कराने आए हो या दादागिरी कराने आए हो। तुम चारों में से बीमार कौन है? बताओं नहीं तो अभी थाने चलो। तब पुलिस चौकी से जवान पहुंचता है। विधायक कहता है मैं आदिवासी हूं इसने मुझे गाली दी है एफआईआर दर्ज करो। इसे गिरफ्तार करो।
आदिवासी समाज कर रहा निंदा
वीडियो वायरल होने के बाद आदिवासी संगठन भी डॉक्टर के विरोध में आ गए है। सोशल मीडिया पर मैसेज जारी कर कहा है कि जिला अस्पताल में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान ड्यूटी डॉक्टर ने विधायक डोडियार को गालिया दी। जिसकी पूरा आदिवासी समाज घोर निंदा करता है। आदिवासी समाज से जनप्रतिनिधि विधानसभा सदस्य की गरिमा को ध्यान नहीं रखते हुए शर्मनाक अभद्रता की गई। मरीजों और परिजनों के साथ कैसा व्यवहार करता होगा यह डॉक्टर। विधायक को दी गई गाली पूरे आदिवासी समाज का अपमान है। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम अंतर्गत मामला दर्ज कर तत्काल गिरफ्तार किया जाए। नहीं तो जन आंदोलन किया जाएगा।