– 6 करोड़ से अधिक लागत के मनमाने कार्य करने वाले ठेकेदार पर नहीं रोक-टोक
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। महापौर प्रहलाद पटेल के ड्रीम प्रोजेक्ट 80 फीट सडक़ निर्माण में ठेकेदार की मनमानी हावी है। 6 करोड़ से अधिक लागत से बनाए जाने वाले मार्ग का ठेका हितेश सुराणा की कंपनी को अक्टूबर-2023 में दिया गया था। जिसकी समय सीमा अप्रैल-2024 तय की गई थी। तय सीमा से 10 माह अधिक बीतने के बाद भी मनमर्जी के नगर निगम में सभी आंखें मूंदे बैठे हैं। रतलाम निगम के इंजीनियर और प्रशासनिक हस्तक्षेप नहीं होने से ठेकेदार के मनमाने रवैये से रहवासियों में भी नाराजगी है। ठेकेदार हितेश सुराणा पर रहवासियों का आरोप है कि मनमानी इस कदर हावी है कि वह घटिया निर्माण कार्य कर रहा है। शासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने और महापौर के ड्रीम प्रोजेक्ट के बावजूद ठेकेदार पर अकुंश नहीं होना अब निगम में जिम्मेदारों पर सवाल खड़े कर रहा है।

रतलाम के वार्ड नंबर-9 स्थित कस्तूरबानगर से हनुमान ताल और अलकापुरी से हनुमान ताल तक दो चरणों में शहर की आदर्श सडक़ का प्रस्ताव पास करवाकर टेंडर प्रक्रिया वर्ष 2023 के शुरुआत में जारी हुआ था। बहुप्रतिक्षित उक्त मार्ग के शुभारंभ के दौरान रहवासियों को विकास के साथ सुलभ यातायात के सब्जबाग दिखाए गए थे। ठेकेदार सुराणा की लेतलाली और मनमानी का नतीजा यह निकला कि आदर्श मार्ग अपनी सीमा से करीब एक वर्ष पीछे चल रहा है। खास बात यह है कि नगर निगम के जिम्मेदार सब इंजीनियर और इंजीनियर ने मनमाने तरीके से कार्य करने वाले ठेकेदार के खिलाफ अभी तक एक भी नोटिस जारी नहीं किया है। इसके अलावा निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल नहीं करना सांठगांठ की तरफ इशारा करती है। रहवासियों के अनुसार ठेकेदार सुराणा मनमर्जी का अस्सी फीट सडक़ निर्माण कर रहा है। ठेकेदार पर अंकुश नहीं होने का नतीजा यह है कि वह निम्न गुणवत्ता की सामग्री के अलावा तयशुदा प्रोजेक्ट के विपरित कुछ चुनींदा रहवासियों से संबंध निभाकर उन्हें तोड़-फोड़ में राहत देने के साथ सडक़ के कट भी उन्हीं के अनुसार निकाल चुका है। अस्सी फीट सडक़ निर्माण में ठेकेदार की मनमानी के बावजूद जिम्मेदारों की अनदेखी से रहवासी अब नाराज हैं। निगम के वार्ड उपयंत्री शिवम गुप्ता ने बताया कि ड्रेनेज तिरछी होने के संंबंध में वह भी मौके पर गए थे। भवन स्वामी ने रजिस्ट्री दिखाई है। रजिस्ट्री के आधार पर नपती कर ड्रेनेज की खुदाई की गई है।
सोशल मीडिया पर निकाली जा रही भड़ास
पिछले दिनों महापौर पटेल ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 80 फीट सडक़ निरीक्षण का वीडियो सोशल मीडिया पर लोड किया। वीडियो लोड करने के बाद स्थानीय रहवासियों के अलावा शहर के जागरूक जनता ने कमेंट्स के माध्यम से अपनी भड़ास निकाली है। नागरिकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से व्यथा लिखी है कि क्षेत्र में 80 फीट सडक़ अब संकरी गली बनकर रह गई है। रहवासी क्षेत्रों में निगम की सांठगांठ से नियम विपरित व्यवसायिक भवनों का निर्माण हो रहा है। भवनों में एलआईसी के दफ्तर और अस्पताल खुल चुके हैं। पार्किंग बगैर बने दफ्तर और अस्पतालों में आने वाले वाहन सडक़ों पर खड़े हो रहे हैं, अतिक्रमण के चलते आवागमन प्रभावित होने लगा है।