– मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ कैबिनेट मंत्री काश्यप भी हेलिकॉप्टर से पहुंचे रतलाम
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। सैलाना रोड स्थित विधायक सभागृह में मंगलवार को अखिल भारतीय वनवासी ग्रामीण मजदूर महासंघ के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। लेकिन कार्यक्रम की शुरुआत से पहले ही असहज स्थिति बन गई, जब रतलाम ग्रामीण से विधायक मथुरालाल डामोर मंच पर जगह न मिलने से नाराज होकर अधिवेशन स्थल से लौट गए। विधायक डामोर ने मीडिया से बात करते हुए नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “मैं रतलाम ग्रामीण का विधायक हूं, आदिवासी हूं। महापौर को मंच पर बैठाया गया है, लेकिन मुझे नीचे बैठाया गया, वो भी ऐसी जगह जहां हवा भी नहीं आ रही थी।” कार्यक्रम के आयोजकों की इस अनदेखी से विधायक बेहद आक्रोशित दिखे और कार्यक्रम में हिस्सा लिए बिना ही लौट गए।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दोपहर 12:30 बजे रतलाम बंजली हवाई पट्टी पर पहुंचे। उनके साथ हेलिकॉप्टर से भोपाल से कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप भी आए थे। वहां जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय सहित भाजपा के कई पदाधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। नाराज विधायक को मनाने भाजपा नेता विनोद करमचंदानी और पुलिस के अधिकारी भी गए। बाद में भाजपा जिलाध्यक्ष उपाध्याय लेकर आए और मंच पर बने एक रूम में बैठाया लेकिन मंच पर जगह नहीं मिली।

मुख्यमंत्री ने की कई बड़ी घोषणाएं
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री ने धार और झाबुआ में नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने रोजगारपरक उद्योगों को 70 प्रतिशत सब्सिडी देने और बिजली व ब्याज में छूट देने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वनवासी क्षेत्रों में मशीन आधारित उद्योगों के बजाय रोजगार देने वाले उद्योगों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि आलीराजपुर के आदिवासी युवक-युवतियों को हीरा उद्योग में काम करने के लिए सूरत जाना पड़ता है, लेकिन अब सरकार हीरा कटाई और पॉलिशिंग के उद्योग यहीं लाकर स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा नए औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए पक्के आवास बनाए जाएंगे और बंद पड़ी मिलों के श्रमिकों का बकाया भुगतान किया जाएगा, जिसमें रतलाम की सज्जन मिल भी शामिल है।
ये मुद्दे रहे चर्चा में:
1) शोषण मुक्त, न्याय युक्त, समरस एवं स्वावलंबी समाज की स्थापना।
2) मजदूरों द्वारा, मजदूरों के लिए, मजदूरों का गैर-राजनीतिक संगठन बनाना।
3) पलायन रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार की उपलब्धता बढ़ाना।
4) श्रमिक कौशल विकास योजना के जरिए जनजातीय श्रमिकों को मुख्यधारा से जोड़ना।
सीएम का रतलाम में एक घंटे का प्रवास
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दोपहर करीब 12:45 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और लगभग एक घंटे तक अधिवेशन में मौजूद रहे। इस दौरान रतलाम एसपी अमित कुमार, एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया, डीएसपी अजय सारवान, रतलाम ग्रामीण एसडीओपी किशोर पाटनवाला सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद थे। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा की और करीब 1:45 बजे रवाना हो गए। इस दौरान कई महिलाएं सीएम से मिलने का इंतजार करती रह गईं, लेकिन सुरक्षा कारणों और समय की कमी के चलते उन्हें मुलाकात का मौका नहीं मिला।