रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम शहर में डेंगू लगातार बढ़ता जा रहा है। अस्पतालों में जगह नही है। लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या देख निजी लेब संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए डेंगू की जांच की राशि तय कर दी है। तय राशि से अधिक राशि लेने पर सबंधित पैथालॉजी व लेब संचालक पर कार्रवाई होगी। साथ ही आमजन 1075 नंबर पर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं ।
गुरुवार को रतलाम जिले के निजी पैथालॉजी लेब संचालकों एवं नर्सिंग होम संचालको की बैठक न्यू कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम की उपस्थिति में हुई। कलेक्टर ने कहा कि डेंगू के बढते प्रकरणों के कारण मरीजों से डेंगू की जॉच हेतु मानवीयता को दृष्टिगत रखते हुए निर्धारित शुल्क ही लिया जाए।
कलेक्टर के निर्देश एवं निजी पैथालॉजी लेब संचालकों की सहमति के आधार पर डेंगू संबधी प्लेटलेट की जॉच हेतु 100 रूपए, प्लेटलेट सहित सीबीसी परीक्षण के लिए 250 रूपए, डेंगू की जॉच हेतु 600 रूपए, विडाल जॉच हेतु 100 रूपए बीएमपी अर्थात मलेरिया परीक्षण के लिए 80 रूपए की राशि का चार्ज निजी पैथोलॉजी हेतु निर्धारित किया गया है।
अधिक राशि लेने पर कार्रवाई
तय राशि से अधिक राशि लेने वाले लेब संचालकों के विरूद्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर पुरूषोत्तम ने आमजन से आग्रह किया है कि निर्धारित दर से अधिक राशि लेने की दशा में मरीज अथवा उसके परिजन रतलाम जिले में 1075 नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं ।
मरीजों के प्रति संवेदनशील रहें
कलेक्टर पुरूषोत्तम ने बैठक के दौरान निजी नर्सिंग होम संचालकों से बेड की उपलब्धता एवं डेंगू मरीजों के सामान्य रूप से भर्ती अवधि के बारे में विस्तार से जानकारी ली तथा मरीजों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने के निर्देश दिए। निजी अस्पताल एवं पैथालॉजी लेब संचालको ने डेंगू से बचाव के लिए हरसंभव प्रयास करने की बात कही। बैठक में सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे, ओआईसी हेल्थ डिप्टी कलेक्टर सुश्री शिराली जैन तथा निजी नर्सिंग होम संचालक एवं पैथालॉजी संचालक उपस्थित रहे ।
स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा देना अनिवार्य
कलेक्टर पुरूषोत्तम ने बैठक के दौरान जिले के सहायक संचालक स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि आगामी 7 दिन तक जिले के सभी सरकारी और प्रायवेट स्कूलों में प्रार्थना सत्र के बाद पहले पीरियड में बच्चों को डेंगू से बचाव हेतु स्कूली शिक्षकों द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा दी जाए जिसमें डेंगू से बचाव के तरीको की जानकारी विस्तार से दी जाए। विद्यार्थी स्वास्थ्य शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने परिवार जनों को डेंगू से बचाव के बारे में जानकारी देंगे।