रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
24 साल पुराने भ्रष्टाचार के एक मामले में इंदौर की विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा रतलाम में पदस्थ रह चुके एवं वर्तमान में बुरहानपुर के खकनार तहसीलदार संजय वाघमारे को 4 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विभिन्न धाराओं में दर्ज प्रकरण में लोकायुक्त की ओर से चालान प्रस्तुत किया गया था।
इंदौर के जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि विशेष न्यायाधीश विकास शर्मा की कोर्ट द्वारा सुनाए इस फैसले के बाद तहसीलदार वाघमारे को जेल भेज दिया है। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक ज्योति गुप्ता ने कोर्ट में तर्क दिया था कि आरोपी तहसीलदार संजय वाघमारे सहित शेष दो अन्य आरोपियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया था। जो कि गंभीर अपराध की श्रेणी में शामिल होने से कठोरतम दंड से दंडित किया जाना चाहिए।
यह है बहुचर्चित मामला
अभियुक्त निहालसिंह ने 1997 से 15 सितंबर 2004 के मध्य कंर्सोटियम बैंक क्रेडिट योजनांर्तगत खादी ग्राम उद्योग इंदौर से ग्रामीण उपयोग के रूप में अनुपम फ्रेबिकेशन निर्माण उद्योग स्थापित करने के लिए षड़यंत्र रचा था। नीति के विपरित लोक सेवक अभियुक्त तहसीलदार संजय वाघमारे, तत्कालीन नायब तहसीलदार जितेंद्र वर्मा, तत्कालीन उप संचालक खादी ग्राम उद्योग इंदौर चंदरसिंह सोलंकी, खादी ग्राम उद्योग इंदौर की अर्चना जैन एवं बालकृष्ण शर्मा के साथ लिप्तता कर आर्थिक अपराधिक षड़यंत्र से 5 लाख 20 हजार रुपए व मार्जिन राशि 2 लाख 40 हजार का अवैध लाभ कमाया था। उक्त प्रकरण में अभियुक्त बालकृष्ण शर्मा व अर्चना जैन की मृत्यु हो चुकी है। निहालसिंह के खिलाफ 21 अक्टूबर 2014 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। जांच उपरांत शेष अन्य अभियुक्त पर प्रकरण दर्ज किया गया था। लोकायुक्त द्वारा प्रस्तुत चालान के आधार पर कोर्ट द्वारा गत दिवस फैसला सुनाया गया है।