रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
एक दशक पूर्व पंचेड़ मार्ग पर सराफा व्यापारी की आँख में मिर्च फेंक लूट करने वाले 2 आरोपियों को न्यायालय ने 6 वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थदंडित किया।
न्यायाधीश शैलेश भदकारिया ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।
प्रकरण के पैरवीकर्ता अपर लोक अभियोजक प्रवीण शर्मा ने बताया अभियुक्त कमलेश पिता धन्नलाल पाटीदार उम्र 32 वर्ष नि. ग्राम बरगढ जिला रतलाम एवं राकेश पिता रामगिरी गोस्वामी उम्र 30 वर्ष नि. नागदा जिला उज्जैन को धारा 394 भादवि मे 06-06 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000-2000 रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी शिव मनावरे के अनुसार अभियुक्तों ने 20 जनवरी 2011 को फरियादी सराफा व्यापारी नितिश पिता कृष्णचंद सोनी नि.ग्राम धामनोद के साथ ग्राम पंचेड मार्ग पर शाम करीब 6.45 बजे वारदात को अंजाम दिया था। फरियादी के साथ हुई लूट के बाद नामली पुलिस ने जाँच कर तीन आरोपियों को बिना नम्बर की मोटरसाइकल पल्सर पर आकर वारदात को अंजाम देना पाया था। फरियादी की मोटरसाइकल पर टंगी थैली में रखे 57000 हजार रुपए थे, जिसे आरोपी छीनकर नामली तरफ भागे थे। फरियादी द्वारा बताई घटना से थाना नामली पर अपराध क्रमांक 14/11 धारा 394 भादंवि लूट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारम्भ की गई। विवेचना के दौरान पुलिस ने तीन आरोपी कमलेश पिता धन्नालाल,नि. बरगढ जिला रतलाम एवं पप्पू पिता रेवन्त उम्र 34 वर्ष नि. नागदा जिला उज्जैन तथा राकेश पिता रामगिरी नि. नागदा जिला उज्जैन को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी। तीनों ने लूट की वारदात को अंजाम देना कबूली थी। इस घटना में उनके साथी दीपक पिता रामगिरी गोस्वामी उम्र 26 वर्ष नि. नागदा जिला उज्जैन, जग्गू उर्फ जगदीश पिता रेवन्त उम्र 22 वर्ष नि. नागदा जिला उज्जैन, सोहनलाल पिता कन्हैयालाल नि. जाहगिरीया जिला मंदसौर तथा गोपाल पिता रतनलाल पाटीदार उम्र 26 वर्ष नि. बरगड जिला रतलाम भी शामिल रहे और उन सभी ने लूटे रुपए आपस में बाँट लिए थे। आरोपीगणों द्वारा दी गई उक्त जानकारी पर से पुलिस ने उक्त चारो आरोपीगणों को भी 17 मार्च को 2011 को गिरफ्तार किया था। आरोपीगणों से अपराध में प्रयुक्त की गई पल्सर मोटरसाइकिल व लूटे रुपयों में से बचे हुए रूपये जप्त कर अनुसंधान उपरान्त अभियोग पत्र सातों आरोपीगणों के विरूद्ध धारा 394,120बी भादवि में न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
विचारण के दौरान एक आरोपी गोपाल पिता रतनलाल की मृत्यु हो जाने से उसके विरूद्ध कार्यवाही समाप्त की गई। विचारण उपरांत न्यायालय ने दो अरोपी कमलेश पिता धन्नालाल व राकेश पिता रामगिरी के विरूद्ध साक्ष्य प्रमाणित होने से दोषसिद्ध किया एवं बाकी अन्य चार आरोपीगणों को साक्ष्य प्रमाणित नहीं पाये जाने से दोषमुक्त किया।