रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
जिले के शासकीय मेडिकल कॉलेज की अवैध मेस में दूषित भोजन से फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए 40 से अधिक स्टूडेंट के मामले की जांच में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। पूरे घटनाक्रम में आरोपों से घिरे डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता के निर्देश पर उन्हीं की समिति जांच कर रही है और दूषित भोजन की जांच के लिए खाद्य एवं सुरक्षा विभाग को भी सूचना देना मुनासिब नहीं समझा। हालांकि पूरे घटनाक्रम से उच्च चिकित्सा शिक्षा मंत्रालय से लेकर आला अधिकारी खासे नाराज हैं। सोमवार को उज्जैन संभागायुक्त संदीप यादव ने डीन डॉ. गुप्ता को तलब कर सवालात कर जमकर नाराजगी जताई।
बता दें कि गुरुवार रात मेडिकल कॉलेज में रेलकर्मी दीपेश पाठक की अवैध मेस में बेसन के गट्टे की सब्जी, दाल और रोटी खाने के बाद 40 से अधिक स्टूडेंट उल्टी-दस्त सहित तेज बुखार का शिकार हो गए थे। वरिष्ठ अधिकारियों को मामला संज्ञान में लाए बगैर मेडिकल कॉलेज प्रशासन मामले को छिपाने में जुटा रहा। हालात ऐसे बनाए गए कि अवैध मेस में फूड पॉइजनिंग से बीमार स्टूडेंट की एमएलसी तक नहीं हुई और दूषित भोजन की सैंपलिंग करवाकर निष्पक्ष जांच के लिए खाद्य एवं सुरक्षा विभाग को सूचना तक नहीं भेजी। आरोप से घिरे मेडिकल कॉलेज प्रशासन औपचारिकता के लिए जांच समिति गठित की। आमजन में चर्चा है कि फूड पॉइजनिंग का गंभीर मामले के बाद भी एमएलसी नहीं होना और दूषित भोजन की जांच के लिए उदासीनता दिखाना जिम्मेदारों को कटघरे में खड़ा कर रहा है। आरोपों से घिरे मेडिकल कॉलेज प्रशासन के डीन डॉ. गुप्ता के निर्देश पर ही उनके द्वारा गठित समिति किसी भी परिस्थिति में निष्पक्ष जांच नहीं करेगी। पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. गुप्ता रेलकर्मी अवैध मेस संचालनकर्ता दीपेश पाठक को बचाने में जुटे हैं? मुद्दे पर चर्चा के लिए डीन डॉ. गुप्ता को मोबाइल फोन लगाया लेकिन पूर्व की तरह सोमवार को भी सवालातों से बचने के लिए फोन रिसीव नहीं किया।
हमें सूचना नहीं दी
फूड पॉइजनिंग के मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की सूचना प्राप्त नहीं हुई। अगर हमें सैंपलिंग के लिए बुलाते तो कार्रवाई करते। – कमलेश जमरा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी- जिला खाद्य एवं सुरक्षा विभाग रतलाम