रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम जनपद के ग्राम पंचायत पलसोड़ा के प्रधान (सरपंच) को भी पद से पृथक करने के बाद अब तत्कालीन एवं वर्तमान में ग्राम पंचायत पंचेड़ के सचिव जयदीपसिंह देवड़ा को जिला पंचायत सीईओ ने निलंबित कर दिया है।
बता दे कि पलसोड़ा के ग्रामीणों ने 2 अक्टूम्बर 21 को सरपंच की शिकायत की थी। शिकायत के बाद 5 माह बाद सरपंच को 18 फरवरी को पद से पृथक कर दिया था। लेकिन सरपंच के कार्यकाल में पदस्थ रहे सचिवों पर कार्रवाई नहीं हो पाई। केवल नोटिस तक कार्रवाई सीमित रही। अब जाकर कलेक्टर के आदेश पर जिला पंचायत सीईओ जमुना भिड़े ने तत्कालीन सचिव जयदीपसिंह देवड़ा को निलंबित किया। जांच में पाया कि ग्राम पंचायत पलसोड़ा के तत्कालीन सचिव जयदेवसिंह देवड़ा के द्वारा पदस्थ अवधी के दौरान वर्ष 2003-04 में ग्राम पंचायत पलसोड़ा अंतर्गत आवासहीन परिवारों को पट्टे वितरण संबंधी महत्वपूर्ण अभिलेख ग्राम पंचायत पलसोड़ा की अभिरक्षा में नहीं रखे जाने तथा इसकी सूचना वरिष्ठालय को भी नहीं दिए जाने के कारण यह ज्ञात नहीं हो सका कि किन-किन व्यक्तियों को पट्टे प्रदाय किए गए?, क्या वह व्यक्ति पट्टे प्राप्त करने हेतु पात्र थे या नहीं ? इस प्रकार सचिव जयदेवसिंह देवड़ा के विरूद्ध कार्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता परिलक्षित हुई है। कार्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता एवं पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं करने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
शुरू से धीमी चली जांच
ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत के मामले में शुरू से जांच काफी धीमी गति से चली। गत माह सरपंच को पद से पृथक करने के बाद अब करीब एक माह बाद तत्कालीन सचिव को निलंबित किया गया। जबकि काफी समय पहले सचिव को नोटिस देकर जवाब लेकर इतिश्री कर ली गई। वहीं पद से पृथक सरपंच के कार्यकाल में एक अन्य सचिव लक्ष्मण खराड़ी भी पदस्थ रह चुका है जो कि वर्तमान में अन्य ग्राम पंचायत में पदस्थ है। इस सचिव को भी पूर्व में नोटिस देकर आगे की कार्रवाई जवाब तक ही सीमित है। जानकारों की माने तो ग्राम पंचायत का कोई भी काम सचिव के बगैर अकेले सरपंच नहीं कर सकता। इस पूरे मामले में कार्रवाई को लेकर विभागीय अधिकारियों की लेटलतीफी रही है, वहीं सचिवों की मिलीभगत के बगैर कोई काम ग्राम पंचायतों में संभव नहीं है।