रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
जल जीवन मिशन अंतर्गत रतलाम जिले के बाजना विकासखंड के 4 गांवों में नल जल योजना में शासन के साथ धोखाधड़ी पर ठेकेदार मेसर्स सोमानी कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर्स के खिलाफ देर रात मुकदमा दर्ज हो गया। बाजना थाने में उक्त कार्रवाई कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निर्देश पर सहायक यंत्री (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) ने करवाई है। गौरतलब है की उक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी का मालिक भाजपा नेता अरविंद सोमानी है। हाल ही में भाजपा युवा मोर्चा ने ठेकेदार अरविंद सोमानी को आईटी सेल का जिला प्रभारी नियुक्त किया था। भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर के बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया।
कलेक्टर की जांच में उजागर हुआ था कि ठेकेदार एवं भाजपा नेता अरविन्द सोमानी ने स्कूलों में नल से जल देने के कार्य के तहत बनाए प्लेटफार्म में सरिए का उपयोग नहीं किया था और विभागीय स्तर पर ठेकेदार ने सांठगांठ कर भुगतान प्राप्त कर शासन के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दिया था। गुरुवार को कलेक्टर के आदेश के बाद भाजपा खेमे में ठेकेदार के बचाव को लेकर प्रयास भी देखे गए, लेकिन नेताओं के सभी प्रयास विफल साबित हुए।
ठेकेदार के साथ सांठगांठ करने वाले अधिकारी भी निशाने पर
ग्राम आंबापाड़ा, पोनबट्टा, धोलपुरा एवं हैवड़ादामा कला ग्रामों में स्कूलों में नल से जल देने के कार्य के तहत बनाए गए प्लेटफार्म में सरिए का उपयोग नहीं किया गया परंतु भुगतान कर दिया गया। इस बड़ी गड़बड़ी में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जिम्मेदार भी दोषी पाए गए हैं। पूरे मामले में
कलेक्टर ने एक्शन लेते हुए ठेकेदार सोमानी कंस्ट्रक्शन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवा दी और उपयंत्री एसआई अली को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने बताया कि पीएचई कार्यपालन यंत्री पीके गोगादे तथा सहायक यंत्री नरेश कुआल के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दिया है, इनके खिलाफ भी जल्द कार्रवाई प्रस्तावित है।
भाजयुमो आईटी सेल प्रभारी ने ले रखा था 85 लाख का ठेका
विभागीय अधिकारियों की माने तो बाजना विकासखंड के करीब 40 गांवों में नल जल योजना में काम को लेकर 85 लाख रुपए का ठेका रतलाम के रहने वाले सोमानी कंस्ट्रक्शन के भाजयुमो के जिला आईटी सेल प्रभारी अरविंद सोमानी ने ले रखा था। पूर्व में कलेक्टर को गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई ले लिए कहा था लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी। बताया जाता है की गुरुवार को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने पीएचई विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर नल जल योजना की समीक्षा की, उसी दौरान जब कार्रवाई के बारे में पूछा तो पीएचई विभाग के अधिकारी जवाब नहीं दे पाए थे। तब कलेक्टर ने लताड़ लगाते हुए तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए थे, जिसके बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में हड़कंप की स्थिति निर्मित हुई।