रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
नगरीय निकाय चुनाव -2022 की आचार संहिता का उल्लंघन मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने सरेआम किया। रतलाम के स्टेशन रोड क्षेत्र पर एक कॉफी हाउस पहुंचे। जहां पहले से ही भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे। इस बात की जानकारी कांग्रेस नेताओं को लगने पर कॉफी हाउस के बाहर वह भी पहुंच गए। जैसे ही मंत्री जगदीश देवड़ा नीचे उतरे कांग्रेस नेताओं ने उन्हें घेर लिया। कांग्रेस नेताओं ने उन पर रुपये बाटने का आरोप लगाया। मीडिया को देख मंत्री देवड़ा और भाजपा पदाधिकारी सकपका गए। आनन-फानन में मीडिया के सवालातों से बचकर मंत्री गाड़ी में बैठकर भागे। मंत्री किस तरह सवालों से बचकर भागे… पूरा वीडियो वंदेमातरम् न्यूज पाठकों को उपलब्ध करा रहा है।
निर्वाचन विभाग के निर्देश को दरकिनार करते हुए मतदान से ठीक एक दिन पूर्व मंगलवार को प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा पदाधिकारियों के साथ सुबह से जनसंपर्क में जुटे हुए थे। शाम करीब 5 बजे स्टेशन रोड क्षेत्र स्थित एक भाजपा कार्यकर्ता के कॉफी हाउस पर पहुंचे। कॉफी हाउस में मंत्री देवड़ा के साथ निर्मल कटारिया, राहुल निंदाने, अनीता कटारिया, पूर्व निगम अध्यक्ष अशोक पोरवाल, मधु पटेल सहित बड़ी संख्या में भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। मंत्री देवड़ा की ओर से जनसपंर्क की सूचना पर कांग्रेस की ओर से किशन सिंघाड़, दिनेश शर्मा, सैयद वुसद अली सहित कार्यकर्ता पहुंच गए।
सुबह से मीडिया को मंत्री देवड़ा, मंत्री मोहन यादव, मंत्री हरदीपसिंह डंग, उज्जैन के विधायक पारस जैन और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के मौजूद होने की सूचना थी। मंत्री देवड़ा कई स्थानों पर घर-घर पहुंच जनसपंर्क में जुटे थे, इसी दौरान स्टेशन रोड पर निजी वाहन से मंत्री जगदीश देवड़ा के पहुंचने पर मीडिया को देख भौच्चके रह गए। मंत्री देवड़ा मुंह नीचे कर दौड़ते हुए वाहन में बैठे और मीडिया के सवालों से निरूत्तर रहे। इस दौरान कांग्रेसियों ने मंत्री देवड़ा के समक्ष पैसे बांटने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस ने मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी को पूरे मामले की शिकायत की है। कांग्रेस नेताओं ने मंत्री देवड़ा को रोकने के लिए उनकी कार के पीछे दौड़ भी लगाई। लेकिन वे नहीं रुके। विभागीय अधिकारियों की माने तो चुनाव के 36 घन्टे के पहले कोई भी बाहरी व्यक्ति जिले में नहीं आ सकता। ऐसे में भाजपा के कई मंत्री शहर में घूम रहे है और प्रशासन मौन है।