रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
सूर्य उपासना के महापर्व छठ पर रतलाम शहर में धूमधाम से पूजा अर्चना की गई। शुक्रवार से शुरू हुए इस महापर्व का पहला दिन नहाय खाय का रहा। दूसरे दिन महिलाओं ने व्रत कर विशेष प्रसाद बनाया।
रतलाम में निवास कर रहे उत्तर भारतीय परिवारजन महापर्व छठ का पर्व वर्षों से मना रहे हैं। महापर्व के पहले दिन शुक्रवार को नहाय खाय के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं और पुरुषों ने एक समय का ही भोजन किया। महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को खरना हुआ। इस दिन शाम को गुड़ की खीर प्रसाद के रूप में बनाई गई। व्रत करने वाली महिलाओं ने पूरे दिन उपवास रखा और शाम के समय इस प्रसाद को ग्रहण कर अपना उपवास खोला। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हुआ। जो छठ पूजा के चौथे दिन सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद खोला जाएगा। सरस्वती नवयुवक मंडल समिति विनोबा नगर के अध्यक्ष बैजनाथ कुशवाह के अनुसार छठ पूजा के चौथे दिन यानी अंतिम दिन 31 अक्टूबर को व्रत रखने वाली महिलाएं और पुरुष छठी मैया और सूर्य देव से संतान और परिवार में सुख शांति बनाए रखने की कामना करते हुए उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे।
इन तीन स्थानों पर होती है पूजा
शहर में निवास कर रहे उत्तर भारतीय परिवारों ने कालिका माता मंदिर परिसर स्थित झाली तालाब, हनुमान ताल और विनोबा नगर में एकत्रित होकर छठ पूजा की। महिलाओं व पुरुषों ने सपरिवार अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया। अर्घ्य देने के बाद तालाब के पानी में दीपदान भी किया। इस दौरान बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। शहर में मुख्यतः बिहार और उत्तरप्रदेश से आये लोग छठ पूजा करते है। इनमे कुछ लोग सरकारी विभागों में पदस्थ है, वहीं कुछ लोग व्यवसाय से जुड़े है, जो छठ पूजा के लिए अपने मूल निवास पर नहीं जा पाते है। सालों से उत्तर भारतीय परिवार रतलाम में सामूहिक रूप से छठ पूजन का कार्यक्रम करते आ रहे है।