रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
जिले में ज्वलनशील पदार्थ के संरक्षण में बरती जा रही लापरवाही से जिला और पुलिस प्रशासन बेखबर है। हालात ऐसे बने हुए हैं कि नियमों के विपरित डिपो संचालित हो रहे हैं तो दूसरी तरफ लापरवाही से कर्मचारी झुलकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिले के ढोढर चौकी अंतर्गत हिंदुस्तान बॉयोडीजल में हुए हादसे के बाद शुक्रवार को धौंसवास के समीप सीएनजी पंप की टेस्टिंग के दौरान गैस लीकेज होने से विस्फोट हुआ। हादसे में 6 कर्मचारी झुलसे, जिसमें 5 की हालत गंभीर होने पर इंदौर रेफर किया। घटना के 24 घंटे बाद तक पुलिस कारणों को दूर पंप संचालक का पता नहीं तलाश सकी।
नामली थाना अंतर्गत ग्राम धौंसवास में सागर पेट्रोलियम का सीएनजी पंप शुरू होने से पहले जोरदार विस्फोट से हादसे का शिकार हो गया। शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे टेस्टिंग के दौरान टैंकर से आई सीएनजी गैस पंप में भरने के दौरान उक्त हादसा होना बताया जा रहा है। इसमें कर्मचारी सुनील पिता मोहनलाल सोलंकी (25), निवासी उज्जैन, मणीशंकर पिता रामप्रसाद वर्मा (25) निवासी उज्जैन, जितेंद्र पिता सुदामा (35) निवासी देवरिया (उत्तरप्रदेश), जितेंद्र पिता घासीराम मालवीय (40) निवासी उज्जैन हाल मुकाम सेजावता, धनंजयसिंह भाटी (27) निवासी बरोटीखेड़ा (उज्जैन) झुलसे हैं। हादसे में सीनियर इंजीनियर आशीष गेहलोत का भी बचाव के दौरान हाथ झुलसा है। सभी झुलसे कर्मचारी सांईकॉम कंपनी गुजरात के बताए जा रहे हैं। जांचकर्ता एसआई रवींद्र मालवीय ने बताया कि झुलसे कर्मचारियों को कंपनी बेहतर उपचार के लिए इंदौर लेकर गई है। मामले की जांच जल्द करने के बाद झुलसे कर्मचारियों के बयान लिए जाएंगे।
बॉयोडीजल डिपो पर हादसे की जांच डेढ़ माह तक रही लंबित
धौंसवास के सीएनजी पंप से पूर्व ढोढर क्षेत्र स्थित हिंदुस्तान बॉयोडीजल डिपो पर बड़ा हादसा हुआ था। इस दौरान भी 3 कर्मचारी झुलसे थे, जिसमें से 2 कर्मचारियों को इंदौर रेफर करना पड़ा था। शुरुआत में ढोढर चौकी में पदस्थ मामले के जांचकर्ता अनभिज्ञता जताते रहे, इसके बाद घायल कर्मचारियों का डिपो संचालक द्वारा उपचार कराया गया। डेढ़ माह तक मामले की जांच लंबित रखने के बाद झुलसे कर्मचारियों के बयान पर मामले को खत्म कर दिया गया। पुलिस के अलावा प्रशासन स्तर पर जांच नहीं होने से संबंधित बॉयोडीजल डिपो पर लापरवाही उसी तरह बरती जा रही है। इससे कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।