रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
एक दशक पूर्व रतलाम के जूनियर इंस्टीट्यूट के सामने शिखा बार में दो पक्षों के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर हुई गोलीबारी सहित जमकर मारपीट के मामले में शनिवार को न्यायालय ने फैसला सुनाया है। बहुचर्चित विवाद में छह माह पूर्व प्रकरण की हो चुकी सुनवाई के बाद सभी की नजरें फैसले पर टिकी थी। शनिवार को भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच दोनों पक्षों की ओर से आरोपियों के पहुंचने के बाद एहतियात बतौर कोर्ट छावनी में तब्दिल कर दी गई। इसके बाद न्यायाधीश ने भदौरिया ग्रुप के 4 अपराधियों को 7-7 वर्ष तो अंबर ग्रुप के 7 अपराधियों को 6-6 वर्ष की सजा सुनाई।
बहुचर्चित विवाद में एक पक्ष में शामिल भाजपा के वरिष्ठ पार्षद एवं जलप्रदाय समिति प्रभारी भगतसिंह पिता सुरेशसिंह भदौरिया (52) निवासी सैलाना यार्ड, शरद पिता मोहनलाल भाटी (40) निवासी महेशनगर, रवि पिता रमेशचंद्र मीणा (29) निवासी नयागांव, रितेशनाथ पिता वीरेंद्रनाथ (45) निवासी 80 फीट रोड को 7-7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई। दूसरी पक्ष की ओर से कांग्रेस नेता मयंक पिता दौलत राम जाट (31) निवासी अखंडज्ञान आश्रम (सैलाना बस स्टैंड), योगेंद्र सिंह पिता लोचनसिंह तोमर (30) निवासी आनंद विहार, किशोर सिंह पिता मनोहर सिंह चौहान (31) निवासी शक्तिनगर, अमित पिता सुरेंद्र जायसवाल (42) निवासी फ्रीगंज रोड, ऋषि पिता विजेंद्र जायसवाल (35) निवासी फ्रीगंज रोड, भाजपा खेल प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक यतेंद्र पिता विश्वकांत भारद्वाज (38) निवासी इंद्रानगर एवं भूपेश पिता जगदीश नेगी (32) निवासी महेशनगर को 6-6 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई।
यह था पूरा घटनाक्रम
गौरतलब है कि 29 जनवरी 2012 की रात अंबर और भदौरिया ग्रुप के बीच शिखा बार पर हुई गोलीबारी सहित धारदार हथियार चलाने का विवाद काफी गरमाया था। मामले में अंबर ग्रुप की ओर से मंयक जाट की रिपोर्ट पर कमल भदौरिया, रितेश भदौरिया, भाजपा पार्षद भगतसिंह भदौरिया, कालू, शरद भाटी तथा अन्य के खिलाफ जानलेवा हमला सहित अन्य विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी प्रकार दूसरे पक्ष की ओर से रितेश पिता हरिसिंह की रिपोर्ट पर यतींद्र भारद्वाज, ऋषि जायसवाल, अमित जायसवाल, मंयक जाट सहित अन्य के खिलाफ जानलेवा हमला, बलवा एवं आर्म्स एक्ट में प्रकरण दर्ज हुआ था।