रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
जिले में आबकारी विभाग की सुस्ती कहे या फिर सांठगांठ की लाइसेंसी शराब दुकानें बेधड़क ग्राहकों के साथ लूट मचा रही है। जिले व शहर में संचालित शराब दुकानों पर नियम विपरीत तय रेट से अधिक में शराब बेची जा रही है। जिस पर आबकारी विभाग खानापूर्ति की कार्रवाई करते हुए अपनी पीठ थपथपा कर शांत बैठ जाता है। आपको बता दें कि जिले में कुल 98 शराब दुकान इस वर्ष आवंटित की गई है। शराब दुकानों पर सीधे सीधे एक बोतल पर 300 से 500 रुपए तक अधिक वसूले जा रहे है। बिल मांगे जाने पर ग्राहकों को नहीं दिया जा रहा है। शराब के धंधेबाज इतने बेख़ौफ है की दुकानों पर ना तो रेट लिस्ट लगाई हुई है और ना ही लायसेंस नंबर। ऐसे में बड़ा सवाल यही है की शिकायतकर्ता शिकायत करे तो किस आधार पर और किससे करे ?
जब आप तय कीमत से अधिक में सामान खरीदो तो उसे साबित करने के लिए बिल जरूरी है। जो कोई शराब दुकानदार नहीं देता है और शराब देने से इंकार कर देता है। ऐसा ही एक मामला सालाखेड़ी स्थित शराब दुकान का सामने आया है। जहां 150 रुपए की शराब 160 में ग्राहक को दी गई। बिल मांगे जाने पर मनाही कर दी गई। सूत्रों की माने तो लायसेंसी सुमित जायसवाल द्वारा संचालित इस दुकान पर आबकारी पहले भी अनियमितता के चलते नोटिस दे चुका है। मगर सांठगांठ के चलते दुकान पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और नोटिस तक ही कार्रवाई को सिमित कर दिया गया।
जब पूरे मामले में सहायक आबकारी आयुक्त नीरजा श्रीवास्तव से जानकारी लेना चाही तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद सहायक जिला आबकारी अधिकारी विजय मीणा से वंदेमातरम् न्यूज ने चर्चा की। मीणा ने सवालों के गोलमाल जवाब देते हुए शिकायत पर कार्रवाई की बात कहकर सवालों से बचते रहे।