– मामले में पूर्व CMO ओझा चार वर्ष पहले हो चुका था गिरफ्तार, अभी जमानत पर है बाहर
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। नामली के बहुचर्चित प्रधानमंत्री आवास व कोचा तालाब घोटाले में पांच वर्ष से फरार चल रहा पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा ने सोमवार को रतलाम की कोर्ट (Court) में सरेंडर ( Surrender ) किया। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान भी फरार आरोपी सोनावा पेश हुआ था लेकिन कोर्ट (Court) में चालान डायरी पेश नहीं होने से उसे सोमवार को कोर्ट (Court) में पेश होने के आदेश मिले थे। कोर्ट (Court) में फरार आरोपी सोनावा के पेश होने के दौरान घोटाले की शिकायत करने वाले कांग्रेस नेता तूफानसिंह सोनगरा भी पहुंचे थे। मौके पर एहतियात बतौर पुलिस बल भी तैनात किया गया था। कोर्ट (Court) में फरार आरोपी और भाजपा नेता सोनावा के पेश ( Surrender ) होने के बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए आवेदन प्रस्तुत किया, जिस पर न्यायाधीश एसके गुप्ता ने एक दिन के रिमांड पर भेजने के आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि कांग्रेस नेता सोनगरा व पूर्व पार्षद प्रकाश कुमावत ने 1 जुलाई 2019 को तत्कालीन कलेक्टर रुचिका चौहान को शिकायत की थी। 10 जुलाई 2019 को जांच अधिकारी पीहू कुरील के नेतृत्व में 10 सदस्यीय दल गठित किया गया था। जांच में स्पष्ट हुआ कि परिषद अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा व तत्कालीन सीएमओ (CMO) अरुण ओझा द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर कलेक्टर द्वारा अनुमोदित सूची में छेड़छाड़ कर फर्जी तरीके से पहली सूची में 22 नाम व दूसरी सूची में 66 नाम जोड़ दिए हैं। वहीं आवास के पैसों को अन्य खातों में ट्रांसफर कर राशि में हेराफेरी की गई। 5 अक्टूबर 2019 को तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल के आवेदन पर पूर्व परिषद अध्यक्ष सोनावा व तत्कालीन सीएमओ (CMO) ओझा के खिलाफ भादंवि की धारा 409, 420, 467, 471 व भ्रष्टाचार अधिनियम में प्रकरण दर्ज हुआ था। इसके अलावा कांग्रेस नेता दिलीप जाट ने 20 मई 2019 को नामली के कोचा तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। कलेक्टर ने जांच के लिए टीम गठित की। जांच में स्पष्ट हुआ कि नगर परिषद पूर्व अध्यक्ष सोनावा और तत्कालीन सीएमओ अरुण ओझा तथा ठेकेदार सैयद अख्तर ने तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार कर राशि का गबन किया है। माप पुस्तिका में जवाबदार अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं होने के बावजूद राशि का भुगतान किया गया है। शासन से प्राप्त रुपए के उपयोग में लापरवाही का मामला सामने आने के बाद 1 करोड़ 81 लाख रुपयों का गबन करने के आरोप में 5 जनवरी 2020 को आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। दोनों मामलों में नामली पुलिस दस्तावेजों पर पूर्व परिषद अध्यक्ष सोनावा को फरार बताती रही, लेकिन वह स्थानीय राजनीति में निरंतर सक्रिय बना रहा था। इसको लेकर जिला पुलिस की काफी किरकिरी भी हो चुकी है।
चार वर्ष पूर्व तत्कालीन सीएमओ (CMO) हो चुका गिरफ्तारहाई कोर्ट के हस्तक्षेप बाद नामली के घोटालेबाज तत्कालीन सीएमओ (CMO) अरुण ओझा को पुलिस ने चार वर्ष पूर्व रतलाम स्थित जवाहर नगर निवास से गिरफ्तार किया था। घोटालों के दो मामलों में एफआईआर होने के तत्कालीन सीएमओ (CMO) ओझा 10 माह तक पुलिस की आंख में धूल झोंककर फरार रहा था। गिरफ्तारी नहीं होने के कारण पुलिस की लापरवाही को लेकर पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष तूफान सिंह सोनगरा और कांग्रेस नेता दिलीप जाट ने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा था। इन्हीं मामलों में फरार नगर परिषद पूर्व अध्यक्ष सोनावा सोमवार को न्यायालय में पेश ( Surrender ) हुआ, जिसे एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश हुए हैं।