21.7 C
Ratlām
Sunday, December 22, 2024

डेमेज कंट्रोल : तुग़लकी आदेश के बाद अब कलेक्टर ने ली छात्रावासों की जिम्मेदारी, मामला एबीवीपी के कलेक्ट्रेट घेराव का

रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
कुछ दिनों पूर्व शहर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को ज्ञापन सौंपने की ज़िद के बाद जमकर हंगामा हुआ था। दिनभर चले हंगामे के बाद देर रात कलेक्टर कुमार ने शासकीय कार्य मे बाधा व कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए कलेक्ट्रेट में ज्ञापन नहीं लेने के तुगलकी आदेश जारी किए थे। तुग़लकी आदेश की शिकायत ऊपरी स्तर तक होने के बाद कलेक्टर को तुग़लकी आदेश पर सफाई भी देना पड़ी। गौरतलब है कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की उस वक्त ज्ञान के माध्यम से दो बड़ी मांग थी। एक मामला कॉन्वेन्ट स्कूल में हुई छात्रा की आत्महत्या की जांच आगे नहीं बढ़ाने और दूसरा मामला जिले के छात्रवासों में चल रही अनियमितता।
इसी के चलते सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने छात्रावास को प्रमुखता दी तथा बच्चों के छात्रावासों के कायाकल्प की जिम्मेदारी ली। कलेक्टर ने विभिन्न विभागों के 20 अधिकारियों को छात्रावासों के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी। लगभग 15 दिन की अवधि में अधिकारियों द्वारा 101 छात्रावासों का निरीक्षण कर लिया जाकर रिपोर्ट सौंप दी गई है। इसी क्रम में विगत दिनों 10 मार्च को कलेक्टर द्वारा उत्कृष्ट कन्या छात्रावास बाजना की अधीक्षिका उषा कटारा को निलंबित कर दिया गया। कारण में निरीक्षण में अधीक्षिका अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाई थी। इसी छात्रावास की शिकायत एबीवीपी ने आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने का दावा करते हुए अपने ज्ञापन में की थी।

कमियां दूर हो, 3 माह का अल्टीमेटम
समीक्षा बैठक में कलेक्टर पुरुषोत्तम ने ट्राइबल विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आगामी 3 माह में शासन द्वारा प्रदत्त अनुरक्षण राशि से छात्रावासों का कायाकल्प सुनिश्चित किया जाए, वहां जो भी कमी है दूर कर दी जाए और जो सुविधाएं देना है समय सीमा में उपलब्ध करवाई जाए।
कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारियों द्वारा जिले के सभी अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावासों का निरीक्षण कर लिया गया है। इनमें चार या पांच छात्रावास शिक्षा विभाग के हैं तथा शेष सभी ट्राइबल डिपार्टमेंट के हैं। अपने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने बताया है कि कई छात्रावासों में मच्छरों की समस्या के लिए जाली लगाना आवश्यक है, दरवाजे ठीक नहीं है, लेट बाथ ठीक नहीं है। पलंग, दरवाजे, खिड़कियां ठीक किए जाना है। कई जगह भवन मरम्मत की जरूरत है, रसोई घर में भी सुधार करना है। ट्राईबल विभाग के पास शासन द्वारा प्रदान की गई 50-50 हजार रूपए की प्रत्येक छात्रावास के लिए अनुरक्षण राशि है जिसका उपयोग छात्रावासों के कायाकल्प में किया जाएगा।

आपसी सेटिंग बनी समस्या
कलेक्टर ने समीक्षा में जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जिले के सभी स्कूलों में शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि शिक्षक आपसी सेटिंग से अनुपस्थित नहीं रहे अन्यथा जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होगी। औचक निरीक्षण के दौरान उक्त मामलों में खंड शिक्षा अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर के आपसी सेटिंग के जिक्र इससे यह स्पष्ट है कि आपसी सेटिंग शिक्षा संस्थान के साथ सरकारी विभागों की एक मूल समस्या बन चुकी है। सरकारी विभाग की कार्य कुशलता व ऐसे अधिकारियों पर नज़र रखने का तंत्र बिल्कुल फेल है। ऐसे में सरकारी विभागों की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े होते हैं। वहीं बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर द्वारा विगत दिनों स्कूल निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए 4 शिक्षकों के निलंबन के प्रस्ताव अधिकार सीमा के तहत आयुक्त लोक शिक्षण को भेजे गए हैं।

Latest news
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Copyright Content by VM Media Network