रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
प्रॉपर्टी ब्रोकर की घर में ही लाश मिलने के मामले में पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। रुपए के लेन-देन के चक्कर में हत्या को 3 आरोपियों ने मिलकर अंजाम दिया था। पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें 16 नवंबर तक पुलिस रिमांड मिला है। शेष वारदात में शामिल मुख्य आरोपी की तलाश में 3 टीम दबिश देने अलग-अलग स्थानों के लिए रवाना हुई है।
एसपी अभिषेक तिवारी ने सोमवार को प्रेसवार्ता आयोजित कर अंधेकत्ल का पर्दाफाश किया। एसपी तिवारी ने बताया कि 12 नवंबर की शाम औद्योगिक थाना अंतर्गत राजीव नगर में 45 वर्षीय राजेश वासन का शव मकान के तीसरी मंजिल पर नग्न अवस्था में पाया गया था। मौके का निरीक्षण कर 4 टीमें जांच के लिए अलग-अलग गठित की गई थी। एसपी तिवारी के अनुसार क्षेत्र का सीसीटीवी कैमरा खंगालने पर स्पष्ट हुआ कि आरोपियों ने मामला उजगार होने के 2 दिन पूर्व हत्या की वारदात को अंजाम दिया है। राजेश वासन की हत्या को आरोपी जगन्नाथ पिता भूरालाल डाबिया (38) निवासी मोतीनगर, कमल पिता शांतिलाल राठौर (25) निवासी धीरजशाह नगर एवं फरार मुख्य आरोपी विजय उर्फ ब्रजेश पिता बाबूलाल सोलंकी (26) निवासी न्यू अलकापुरी ने अंजाम देना पाया। यह सुराग पुलिस को क्षेत्र के सीसीटीवी कैमरे तलाशने के दौरान मिले की जब आरोपियों ने राजेश की हत्या की, उसके बाद उसके घर में रखा सामान जैसे की टीवी, गैस सिलेंडर, बैग सहित अन्य सामान ले जाते हुए नजर आए थे। पुलिस ने आरोपी जगन्नाथ और कमल को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने फरार मुख्य आरोपी विजय उर्फ ब्रजेश के साथ वारदात को अंजाम देना कबूला।
रुपए मांगने पर राजेश को उतारा मौत के घाट
राजेश वासन की हत्या का प्रमुख कारण मुख्य आरोपी को दिए रुपए वापस मांगना बताया जा रहा है। टीआई अयूब खान ने बताया कि राजेश ने मुख्य आरोपी विजय को करीब 5 लाख रुपए उधार दिए थे। इसकी राजेश ने लिखा-पढ़ी भी की थी। राजेश ने जब उधार राशि वापस मांगी तो विजय उर्फ़ ब्रजेश को यह नागवार गुजरा और उसने राजेश की दो अन्य आरोपियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपियों ने राजेश की हत्या के बाद उसे निर्वस्त्र कर मुंह सहित हाथ-पैर में सेलो टैप चिपकाई, ताकि पुलिस हत्या का कारण लूट समझे और वह जांच से भटक जाए।
सीएसपी के नेतृत्व में टीम का सराहनीय कार्य
अंधेकत्ल को सुलझाने के लिए एसपी तिवारी ने सीएसपी हेमंत चौहान के नेतृत्व में टीआई अयूब खान, उपनिरीक्षक अनुराग यादव, मुकेश सस्तिया, सतेंद्र रघुवंशी, सुरेश गोयल, सहायक उपनिरीक्षक हीरालाल परमार, प्रधान आरक्षक नारायणसिंह जादौन एवं आरक्षक संदीप भदौरिया को विशेष रूप से जिम्मेदारी सौंपी थी। टीम में शामिल सभी ने बेहतर कार्य किया।