भारत गौरव अभियान के संयोजक अनिल झालानी ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
देश में सांप्रदायिक सौहार्द बड़ाने के लिए भारत गौरव अभियान के संयोजक अनिल झालानी ने प्रधानमंत्री व गृह मंत्री को पत्र लिख विभिन्न स्थानों पर होने वाले सांप्रदायिक घटनाओं के पीछे के कारणों का अध्ययन कर स्थाई समाधान के लिए कार्यवाही करने का सुझाव दिया। सुझाव पत्र में गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय विशेष सेल गठित की जाए जो कि एक उपमंत्रालय के रुप में हो। जो देश में सांप्रदायिक हिंसा के कारणों का सूक्ष्मता से तह में जाकर वास्तविक कारणों की खोज और विश्लेषण कर सके।
श्री झालानी ने अपने इस सुझाव में बुद्धिजीवियों, धार्मिक नेताओं और ख्यातनाम हस्तियों को बैठाकर इन निष्कर्षों के ऊपर बहस व विचार विमर्श कराकर उन ज्ञात हो चुके कारणों पर सर्वसम्मत उपायों के लिए कार्ययोजना बनाकर राजनीतिक दलों की सहमति बनाए तथा उचित कानूनी संशोधन और आवश्यक हो तो संविधान संशोधन का प्रावधान करने की बात कही है।
देश में सांप्रदायिक सौहार्द बड़ाने के लिए भारत गौरव अभियान झालानी ने सबसे पहले वर्ष 2009 में तत्कालीन गृहमंत्री को यह सुझाव दिया था कि विभिन्न स्थानों पर होने वाले सांप्रदायिक घटनाओं के पीछे के कारणों का अध्ययन किया जाए, जिससे भविष्य में होने वाले दंगों को प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है। वर्ष 2009 में टाइम्स आफ इण्डिया अखबार में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि तत्कालीन केन्द्र सरकार ने देश की समस्त राज्य सरकारों को सांप्रदायिक दंगों के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए थे। इन दिशा निर्देशों के मुताबिक राज्यों में होने वाले सांप्रदायिक विवादों या दंगों की समस्त जानकारियां एक निश्चित प्रारुप में केन्द्र सरकार को भेजने के निर्देश राज्यों को दिए गए थे। इस रिपोर्ट को देखने के बाद वर्ष 2009 में ही तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदम्बरम को एक पत्र लिख कर सुझाव दिया था कि राज्यों को प्रेषित दंगों की जानकारी वाले प्रारुप में दंगे के पीछे का मुख्य कारण का भी एक कालम जोडा जाए। यदि प्रत्येक दंगे के पीछे के कारणों का गहराई से अध्ययन किया जाता, तो भविष्य में इसकी सहायता से दंगों पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता था।
श्री झालानी ने 02 दिसम्बर 2013 को तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे को पत्र लिखकर गृह मंत्रालय के अधीन एक सांप्रदायिक सौहार्द एवं धार्मिक मामले विभाग का पृथक से गठन करने का सुझाव दिया था। अपने पत्र में श्री झालानी ने कहा था कि देश में धर्म एक सर्वकालिक विषय है। देश में विभिन्न धर्मों के नागरिक निवास करते है। इन धर्मों के मतावलंबियों के मध्य सांप्रदायिक घटनाएं होती रहती है। दूसरी ओर सरकार सभी धर्मों को सम्मान देती है और सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने के लिए इस बहुधर्मी देश मे इसके गठन की नितांत आवश्यकता है।
श्री झालानी ने अपने पत्र में सुझाव दिया था कि गृह मंत्रालय में एक धर्म एवं सौहार्द का पृथक से उपमंत्रालय स्थापित किया जाए। इसमें इस विषय से जुडे अन्य मंत्रालयों में कार्यरत विभागों को भी संयोजित किया जाना चाहिए। देश के वर्तमान हालातों के मद्देनजर यह नया प्रस्तावित विभाग महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। दिए गए सुझाव की तर्ज पर हाल ही के दिनों में संघ के प्रमुख डा.मोहन भागवत और मौलाना अरशद मदनी के मध्य हुई सांप्रदायिक सौहार्द के विषय पर हुई चर्चा के परिप्रेक्ष्य में श्री झालानी ने प्रधानमंत्री को 05 सितम्बर 2019 को पुनः पत्र लिखकर गृहमंत्रालय के अधीन सांप्रदायिक सौहार्द एवं धार्मिक मामले का उपमंत्रालय गठित कर विभिन्न धर्मों के बीच जनसंख्या अनुपात, धर्मान्तरण, अंतर्धार्मिक विवाह, धर्मिक कार्यों हेतु ध्वनि विस्तारकों का उपयोग, धार्मिक चल समारोह के मार्गो, गौ हत्या आदि विवाद के विषयों के कारणों पर निरंतर विचार कर उसके स्थाई समाधान के लिए कार्यवाही करने का सुझाव दिया। अपने इस सुझाव पत्र में श्री झालानी ने कहा कि गृह मंत्रालय में एक उच्चस्तरीय विशेष सेल गठित किया जाए जो कि एक उपमंत्रालय के रुप में हो।
श्री झालानी ने अपने पत्र में लिखा कि इस प्रकार संवाद के निरन्तर प्रयासों से विवादित विषयों का समाधान होता रहेगा और आपसी मतभेद, घृणा और दूरियां कम होती जाएगी। मुख्य रुप से राजनीति और वोट बैंक से परे हटकर आपसी सौहार्द की दिशा में परस्पर सहमति से ठोस और सार्थक प्रयास होते रहेंगे तो इसका सुखद परिणाम यह होगा कि देश की प्रगति में सभी धर्मों के अनुयाईयों का सार्थक योगदान मिलेगा। श्री झालानी ने अपने पत्र में लिखा है कि इस प्रकार का विशेष सेल गठित करने का यही सही समय है।