– ट्रस्ट की ओर से प्रस्तुत आवेदन हाईकोर्ट ने अधिवक्ता पांचाल के प्रस्तुत आधार और तर्कों को सुन किया निरस्त
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
श्री बरवड़ हनुमान मंदिर ट्रस्ट की ओर से कोर्ट के आदेश के विरुद्ध दायर आवेदन को इन्दौर हाईकोर्ट ने निरस्त कर बड़ा झटका दिया है। मंदिर के ट्रस्ट ने पुजारी कृष्णदास बैरागी के पक्ष में पारित यथास्थिति बनाए रखने के आदेश को निरस्त किए जाने संबंधी आवेदन प्रस्तुत कर चुनौती दी थी, जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दिया है।
बता दें कि श्री बरवड़ हनुमान मंदिर के पुजारी कृष्णदास बैरागी की ओर से उच्च न्यायालय के समक्ष मंदिर की बेशकीमती भूमियों व मंदिर को ट्रस्ट के स्वामित्व की घोषित करने वाले व अन्य सहायताएं ट्रस्ट को दिए जाने सम्बन्धी अपर जिला न्यायाधीश रतलाम के निर्णय के विरुध्द अपील प्रस्तुत की गई है। उक्त अपील प्रस्तुत किए जाने के पश्चात उच्च न्यायालय व्दारा मंदिर परिसर में स्थित पुजारी निवास पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया गया था। ट्रस्ट की ओर से उच्च न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर बताया गया कि वर्तमान में मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है, इसलिए इस पुजारी निवास को हटाया जाना आवश्यक है। इस सम्बन्ध में पुजारी बैरागी के अधिवक्ता अमित कुमार पांचाल व्दारा उच्च न्यायालय के समक्ष निवेदन किया गया कि उक्त मंदिर और उसकी समस्त सम्पत्ति शासकीय है और अनुविभागीय अधिकारी रतलाम व्दारा बैरागी को उक्त मंदिर का शासकीय पुजारी नियुक्त किया गया है, जो मंदिर परिसर में ही निवास करता है। जिला प्रशासन के कतिपय अधिकारियों व्दारा ट्रस्ट से पदाधिकारियों व सत्तापक्ष के नेताओं से षडयंत्र कर उक्त मंदिर की बेशकीमती भूमियों व मंदिर को ट्रस्ट की निजी सम्पत्ति घोषित करवाए जाने का षडयंत्र किया जा रहा है। अपर जिला न्यायाधीश रतलाम व्दारा जिला कलेक्टर के विरुध्द भी उक्त सम्पत्तियों के सम्बन्ध में निर्णय पारित किया गया था, जिसकी अपील उनके व्दारा नियत समयावधि में नहीं की गई, जिसकी शिकायत किए जाने पर उच्च न्यायालय के समक्ष अपील प्रस्तुत की गई, जिसमें भी उनके व्दारा आज दिनांक तक न्यायालय व्दारा उनके विरुध्द पारित निर्णय को स्थगित किए जाने का निवेदन नहीं किया गया है। जिस मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाना बताया जा रहा है, उसकी प्रशासन से कोई अनुमति आज दिनांक तक ट्रस्ट व्दारा प्राप्त नहीं की गई है। यह मंदिर और इसकी भूमियां आज दिनांक तक राजस्व अभिलेख में शासकीय भूमि के रुप में दर्ज है। एक ओर जिला कलेक्टर व्दारा शासकीय और निजी भूमियों पर अवैध निर्माण को हटाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर श्री बरवड़ हनुमान मंदिर और उसकी भूमियों पर किए जा रहे अवैध निर्माण को संरक्षण दिया जा रहा है। प्रशासन की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट है कि वे सत्तापक्ष के प्रभाव में आकर इस अतिक्रमण को संरक्षण दे रहे हैं। उपरोक्त अनुसार तर्कों व दस्तावेजों के आधार पर उच्च न्यायालय व्दारा श्री बरवड़ हनुमान मंदिर ट्रस्ट की ओर से पुजारी कृष्णदास बैरागी के पक्ष में पारित यथास्थिति बनाए रखने के आदेश को निरस्त किए जाने सम्बन्धी प्रस्तुत आवेदन निरस्त कर दिया गया है।