रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
कांग्रेस और भाजपा के महापौर पद प्रत्याशी मयंक जाट और प्रहलाद पटेल डोर टू डोर जनता को साधने पहुंच रहें है। कांग्रेस के मयंक इस समय भाजपा के प्रहलाद से दो कदम आगे चल रहे हैं। कांग्रेस की मैनेजमेंट टीम हर दो दिन में मयंक से जमीनी हकीकत से जुड़े मुद्दो पर घोषणाएं करवा रही हैं। बड़ी बात यह है की इस बार कांग्रेस द्वारा पर्चे पर घोषणा लिखने से परहेज करते हुए हाइटेक व नए अंदाज में इन घोषणाओं को प्रत्याशी जाट से सोशल मिडिया पर लाइव शपथ दिलवाई जा रही है। मगर भाजपा के घोषणा पत्र के बारे में अब तक कोई हलचल नहीं है।
भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद पटेल फिलहाल कुछ बोलने और वादे करने में भी ऊपरी टीम के इशारे का इंतजार कर रहें है। पटरी के इस पार पटेल के नए चेहरे को जगह बनाने में मेहनत का सामना करना पड़ रहा है वहीं आम लोगो को भाजपा के घोषणा पत्र का इंतजार है। दरअसल भाजपा का घोषणा पत्र अब तक अधर में है। भाजपा की चुनाव प्रबंधन समिति घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने में अब तक अटकी हुई है। सूत्रों की माने तो पिछले कार्यकाल में घोषित अधूरी पड़ी घोषणाएं इसकी वजह बन रही हैं। इसीलिए इस बार का घोषणा पत्र काफी सोच समझकर बनाया जा रहा है। भाजपा चुनाव समिति प्रबन्धन के मनोहर पोरवाल के अनुसार 4 या 5 जुलाई तक घोषणा पत्र जारी कर दिया जाएगा। इसे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान या प्रदेश के किसी बड़े नेता के माध्यम से जनता के सामने प्रस्तुत किया जायेगा। इस बार भाजपा को शहर में रोड़, पानी व सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं परेशानी में डाल सकती है। भाजपा के सामने नगर सरकार का पिछला कार्यकाल निराशाजनक रहना और अपने ही खेमें में बगावती सुरों का तेज हो जाना एक बड़ी चुनौती बन रहा है। भाजपा को निकाय चुनाव हर बार की तरह इस बार ज्यादा मेहनत करवा रहें है। भाजपा की पिछली शहर सरकार के कार्यकाल की नाकामियों को दबाने के लिए भाजपा केंद्र व राज्य की योजनाओं को चुनाव जीतने में सहारा बनाने में जुटे हैं। भाजपा की पूर्व महापौर डॉ सुनीता यार्दे का नहीं होना भी जनता के बीच चुनावी चर्चा का मुख्य मुद्दा बन चुका है।