रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। पेट दर्द की समस्या लेकर आई एक महिला को अपेंडिक्स बताकर बिना जांच के ऑपरेशन किया। लापरवाही से मलद्वार की नस काट दी। इससे तबीयत बिगड़ी तो परिजन महिला को उज्जैन ले गए। वहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। आक्रोशित परिजन वापस आलोट आए और सेवालय नर्सिंग होम के बाहर शव रखकर प्रदर्शन किया। फिलहाल बीएमओ ने अस्पताल सील कर दिया। पुलिस ने सेवानिवृत्त सीएमएचओ रहे सेवालय नर्सिंग होम संचालक पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। अब रतलाम के सीएमएचओ के नेतृत्व में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम इसकी आज से जांच करेगी।
ग्राम माऊखेड़ी निवासी राहुल सूर्यवंशी ने आलोट थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि मेरी भाभी प्रियंकाबाई (32) को 29 सितंबर को पेट दर्द हुआ। हम उन्हें लेकर आलोट सेवालय नर्सिंग होम पहुंचे। यहां डॉक्टर एसआर चौहान ने कहा प्रियंकाबाई को अपेंडिक्स है। तत्काल ऑपरेशन करना होगा और बिना जांच के ही ऑपरेशन कर दिया। फिर 20 दिन भर्ती रखा और ज्यादा तबीयत बिगड़ी तो कहा कि ऑपरेशन बिगड़ गया है। आगे ले जाओ। जो भी खर्च आएगा मैं दूंगा। फिर हम नागदा जनसेवा ले गए लेकिन वहां से भी हाथ खड़े कर दिए। उज्जैन के कृष्णा अस्पताल में ले गए। 8 दिन भर्ती रखने के बाद भी सुधार नहीं हुआ। वहां 4 लाख 80 हजार रुपए खर्च हो गए। फिर दो दिन पहले ही हम प्रियंकाबाई को उज्जैन के आर्डी गार्डी अस्पताल ले गए। जहां 7 नवंबर की सुबह 7 बजे डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। एफआईआर में फरियादी देवर राहुल ने बताया कि उज्जैन के डॉक्टरों ने हमें कहा कि आवश्यकता नहीं होने पर भी आलोट के सेवालय अस्पताल के डॉक्टर ने प्रियंकाबाई के मलद्वार की नस काट दी थी। इस कारण उसकी लगातार तबीयत बिगड़ती गई और मृत्यु हो गई। पुलिस ने बीएनएस की धारा 106 (1) में केस दर्ज किया। इसमें पंजीकृत डॉक्टर द्वारा लापरवाहीपूर्वक इलाज करने से यदि मौत होती है तो 2 साल की सजा या जुर्माने का प्रावधान है व अपंजीकृत में 5 साल सजा।
आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों का प्रदर्शन
प्रियंकाबाई का शव लेकर उज्जैन से परिजन व रिश्तेदार गुरुवार सुबह 11 बजे आलोट में सेवालय नर्सिंग होम पहुंचे। गेट के बाहर सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। यहां कांग्रेस नेता एवं पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष वीरेंद्रसिंह सोलंकी भी पहुंचे और धरने पर बैठ गए। इन्होंने कहा गैर इरादतन नहीं बल्कि हत्या का केस दर्ज होना चाहिए। डॉ. एसआर चौहान व उनकी पत्नी पूर्णिमा मिलकर अवैध रूप से अस्पताल चला रहे। इन्होंने गलत नस काट दी जिससे महिला की मौत हुई। ये पहली घटना नहीं, ऐसे कई लोगों के ऑपरेशन बिगाड़ दिए हैं यहां। कोई सुविधा, आईसीयू, एनेस्थेटिक तक नहीं हैं फिर भी इस अस्पताल में सिर्फ लालच के लिए बिना जांच, बिना उपकरण के ऑपरेशन हो रहे हैं। दोपहर 2 बजे तक हंगामा चला। जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि कालूसिंह परिहार, जीवनगढ़ सरपंच रामसिंह चौहान आदि मौजूद थे। बीएमओ डॉ. देवेंद्र मौर्य ने अस्पताल सील किया और जांच सीएमएचओ के नेतृत्व में करवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ। पुलिस ने शव सरकारी अस्पताल भिजवाकर पीएम करवाया है। एसडीओपी शाबेरा अंसारी ने बताया अभी आवेदन पर डॉ. एसआर चौहान के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीएमएचओ के नेतृत्व में डॉक्टर पैनल जो जांच रिपोर्ट देगी, उस अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।