– ईओडब्लूय में अकाउंटेंट के पिता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण में केस दर्ज, 7 माह पूर्व बेटे विकास के खिलाफ लोकायुक्त दर्ज हो चुकी एफआईआर
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम नगर निगम अकाउंटेंट विकास सोलंकी और उसके पिता नंदकिशोर सोलंकी के ठिकानों पर तडक़े इंदौर ईओडब्लू ने रेड मारी। तडक़े 4 बजे शुरू की गई संयुक्त टीमों की कार्रवाई सोमवार दोपहर 12.30 बेज तर जारी रही। पिता और पुत्र के ठिकानों पर छापमार कार्रवाई में रतलाम-धार में मकान, 7 प्लॉट, बसें और पेट्रोल पंप सहित करोड़ों की बेहिसाब संपत्ति मिली है। प्रारंभिक रूप से नगर निगम अकाउंटेंट विकास सोलंकी के पिता नंदकिशोर सोलंकी धार जिले के रिंगनोद में सेवा सहकारी संस्था में प्रबंधक बतौर कार्य के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला उजागर हुआ है।
रतलाम में नगर निगम के अकाउंट ऑफिसर विकास सोलंकी के स्थानीय ओल्ड ग्लोबस कॉलोनी स्थित घर और उसके पिता नंदकिशोर सोलंकी के रिंगनोद स्थित घर पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्लूय) ने छापा मारा। रतलाम स्थित ओल्ड ग्लोबस कॉलोनी स्थित निगम अकाउंटेंट सोलंकी के घर पर दोपहर करीब 12.30 बजे तक ईओडब्लूय इंदौर के डीएसपी पवन सिंघल के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। इस दौरान घर से टीम ने दस्तावेजों की जांच कर कुछ दस्तावेजों की फाइल भी अपने साथ लेकर गए हैं। इंदौर की ईओडब्लूय (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में रतलाम निगम के अकाउंटेंट विकास सोलंकी के पिता नंदकिशोर सोलंकी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 (सी), 13 (1) बी, एवं 13 (2) में मुकदमा दर्ज किया है।
पत्नी जिला पंचायत, पिता सहकारी समिति के प्रबंधक
रतलाम नगर निगम में पूर्व डिप्टी कमिश्नर और वर्तमान में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत विकास सोलंकी के खिलाफ सात माह पूर्व जून-2024 में उज्जैन लोकायुक्त नियम विरुद्ध राजीव गांधी सिविक सेंटर के 27 भूखंड विक्रय के मामले में एफआईआर दर्ज कर चुकी है। नगर निगम के अकाउंटेंट सोलंकी सहित मामले में नगर निगम के पूर्व निलंबित आयुक्त एपीएस गहरवार सहित कॉलोनाइजर राजेंद्र पीतलिया और उसके परिवार सहित कुल 36 नामजद आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जा चुका है। सोमवार तडक़े ईओडब्लूय की रेड को इसी कड़ी से जोडक़र देखा जा रहा था। दोपहर में ईओडब्लूय टीम ने मीडिया से चर्चा के दौरान बताया कि उक्त कार्रवाई रतलाम निगम अकाउंटेंट सोलंकी के पिता नंदकिशोर सोलंकी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच में की जा रही है। रतलाम नगर निगम अकाउंटेंट सोलंकी की पत्नी प्रीति डेहरिया जिला पंचायत में अकाउंट ऑफिसर के पद पर नियुक्त हैं। इसके भाई की इंदौर और जोबट के बीच बसें चलती हैं।
पिता का वेतन 40 हजार, संपत्ति करोड़ो की
ईओडब्लूय इंदौर की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रतलाम नगर निगम में अकाउंटेंट विकास सोलंकी के पिता सेवा सहकारी संस्था मर्यादित रिंगनौद में बतौर शाखा प्रबंधक नियुक्त हैं। इनका वेतन प्रतिमाह 40 हजार रुपए है और उसके पास आय से अधिक संपत्ति करोड़ों की मिली है। रतलाम नगर निगम अकाउंटेंट सोलंकी के पिता का धार जिले के ग्राम रिंगनोद में एक पेट्रोल पंप, 7 स्थानों पर अलग-अलग जगह भूखंड, दो मकान सहित बस, चारपहिया वाहन और छह दोपहिया वाहन मिले हैं। धार जिले के रिंगनोद स्थित रतलाम नगर निगम के अकाउंटेंट सोलंकी के पैतृक निवास पर अभी भी ईओडब्लूय की टीम जांच कर रही है।
पहले भी विवादों में रहे हैं सोलंकी
रतलाम नगर निगम के पूर्व डिप्टी कमिश्नर और वर्तमान अकाउंटेंट विकास सोलंकी पहले भी विवादों में रहे हैं। 7 महीने पहले उज्जैन लोकायुक्त ने सोलंकी समेत 36 आरोपियों के खिलाफ राजीव गांधी सिविक सेंटर के प्लॉट्स बेचने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी। सिविक सेंटर की करोड़ों की जमीन को कम दामों में बेचने का आरोप था। केस दर्ज होने के बाद सोलंकी को नगर निगम में डिप्टी कमिश्नर पद से निलंबित कर दिया गया था। विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई के बाद उनका निलंबन खत्म करके उन्हें अकाउंट ऑफिसर बनाया गया था।
एमआईसी को बताए बिना बेचे थे खाली प्लॉट
7 और 9 मार्च 2024 को रतलाम नगर निगम के सम्मेलन में पार्षदों ने सिविक सेंटर के प्लॉट्स अवैध रूप से बेचे जाने की शिकायत की थी। कहा था कि मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के संज्ञान में लाए बगैर खाली प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराई गई है। 11 जून को लोकायुक्त ने निगम के तत्कालीन आयुक्त एपीएस गहरवाल, उपायुक्त विकास सोलंकी, उप पंजीयक रतलाम प्रसन्न गुप्ता समेत जमीन खरीदने-बेचने वाले 36 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। लोकायुक्त की एक टीम रतलाम आकर मामले से जुड़े दस्तावेज भी ले गई थी। इसके बाद निगम आयुक्त गहरवाल को निलंबित कर दिया गया था। डिप्टी कमिश्नर सोलंकी को भी हटा दिया गया था। लोकायुक्त ने माना था कि रतलाम नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अन्य आरोपियों के साथ मिलकर जमीनों की रजिस्ट्री कराई गई। शासन को धोखे में रखकर आर्थिक नुकसान पहुंचाने का इस पर गंभीर आरोप भी है।