रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान चाहे कितने किसान कल्याण के दावे कर ले। मगर जमीनी स्तर पर सारे दावे खोखले साबित हो रहे है। खुद सरकार के अधिकारी ही किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी पर सामान्य कार्रवाई करके खानापूर्ति कर रहे है। ऐसे में अब पूरे सरकारी तंत्र पर गम्भीर प्रश्न उठने लगे है। वहीं किसानों में भी इसको लेकर आक्रोश देखा जा रहा है।
कृषि उपज मंडी में बीते शनिवार व्यापारी द्वारा किसान के साथ धोखाधड़ी का मामला उजागर होने के बाद इसमें तुरंत लीपापोती भी कर दी गई। मामले में ना जांच हुई ना कड़ी कार्रवाई, बल्कि व्यापारी द्वारा नोटिस के जवाब को संतोषजनक मानकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। बड़ी बात तो यह कि किसान की चतुराई से व्यापारी की धोखाधड़ी सामने आ गई। जबकि इससे पहले भी कुछ किसान श्रीनिवास ट्रेडर्स की चोरी पकड़ चुके थे, मगर मंडी प्रशासन के काबिल अधिकारियों ने उन्हें वीडियो साक्ष्य ना होने का हवाला देकर चलता कर दिया था।
इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच हो तो, व्यापारी के साथ-साथ मंडी के अधिकारी-कर्मचारीयों की बड़ी लापरवाही सामने आएगी। मंडी सचिव एसएम मुनिया से जब वंदेमातरम् न्यूज ने सवाल किया तो वे भी व्यापारी पंकज मित्तल के पक्ष में जवाब देते नजर आए। मुनिया ने बताया कि नोटिस का जवाब आ गया है, उससे संतुष्ट है। 8 दिन के प्रतिबंध की कार्रवाई की है। इलेक्ट्रॉनिक वस्तु में टेक्निकल खराबी आ जाती है। अब इसमें आगे कोई कार्रवाई नहीं है। व्यापारी पंकज मित्तल से जब सवाल किए गए तो उसने सवालों से घबराकर जवाब मंडी प्रशासन से लेने की बात कहकर फोन रख दिया।
दरअसल धराड़ का किसान दिलीप पिता राधेश्याम पाटीदार प्याज लेकर मंडी पहुंचा। किसान का प्याज श्री निवास ट्रेडर्स ने खरीदा। नीलामी के बाद तौल कांटे पर प्याज का तौल किया जा रहा था। तभी किसान को शंका हुई कि तौल कांटे में कुछ गड़बड़ी है और तौल का वजन कम किया जा रहा है। उसने अन्य तौल कांटे पर तौल करवाया। इस पर 30 किलो के प्याज के कट्टे पर करीब 1 किलो 50 ग्राम का अंतर मिला। इसकी शिकायत किसान ने मंडी प्रशासन को दी। जिसके बाद पंचनामा बनाकर व्यापारी पंकज मित्तल की फर्म श्रीनिवास ट्रेडर्स 8 दिनों के लिए प्रतिबंधित करते हुए नोटिस दिया। मामले में दो तुलावटी अरूणेश गुप्ता व विवेक लोहिया पर भी प्रतिबंध लगाया गया।
पाबन्दी के बाद भी बेधड़क कर रहा व्यापार
श्री निवास ट्रेडर्स को 8 दिनों के लिए प्रतिबन्धित किया गया। इसके बाद भी व्यापारी पंकज मित्तल अगले दिन दूसरी फर्म अग्रवाल ट्रेडर्स के लाईसेंस से व्यापार करता नजर आया। जब इस बात का जवाब मंडी प्रभारी राजेन्द्र व्यास से लिया गया तो उन्होंने इसे सही बताया। आपको जानकर हैरानी होगी कि मंडी में हर व्यापारी के पास अपने-अपने रिश्तेदार व परिचितों के नाम से दो से तीन लाइसेंस है। मंडी प्रशासन भी चतुराई से लाइसेंस पर प्रतिबंध लगाता है जबकि असल प्रतिबन्ध व्यापारी पर लगना चाहिए। बड़ा सवाल है की यदि कोई व्यापारी एक फर्म में पूर्व से रजिस्टर है और प्रतिबंधित है तो दूसरी फर्म के लाइसेंस से व्यापार कैसे कर सकता है?
मालूम होते हुए भी नहीं किया सुधार
विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि श्रीनिवास ट्रेडर्स के व्यापारी पंकज मित्तल को खराब तोल कांटे की जानकारी पहले से थी। वह जानबूझकर खराब कांटे से ही किसानों का माल तोल रहा था। धराड़ के किसान के अलावा कुछ दिनों पहले भी कुछ किसानों के सामने वजन में गड़बड़ी सामने आई थी। तब नए कांटे को मंगवाकर तोल किया गया। उस समय मंडी प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई थी, मगर अनदेखा कर दिया गया। जबकि नियमानुसार मंडी सचिव सहित इंस्पेक्टर व प्रभारी को रोजाना व्यापारियों के इलेक्ट्रॉनिक तोल कांटों का निरीक्षण करना अनिवार्य है।