रतलाम, वन्देमातरम् न्यूज।
जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक शनिवार को आयोजित हुई। दोपहर में हुई इस बैठक में अधिकतर तहसीलदारों के परफॉर्मेंस से कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने नाराजगी व्यक्त की। कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कलेक्टर ने कहा कि अब जिले में प्रत्येक तहसील को मासिक रैंक दी जाएगी। सबसे खराब परफॉर्मेंस वाले तीन तहसीलदारों की दो-दो वेतन वृद्धि रोक दी जाएगी।
15 करोड रुपए राजस्व वसूली की जाएगी – राजस्व वसूली की समीक्षा बैठक में कलेक्टर द्वारा की गई। बताया गया कि चालू वर्ष में जिले का लक्ष्य 15 करोड़ रुपए है। वसूली के मामलों में रतलाम ग्रामीण तहसीलदार अनीता चोकोटीया के अलावा पिपलौदा तहसीलदार किरण वरवड़े तथा सैलाना तहसीलदार कैलाश डामोर का परफॉर्मेंस अच्छा पाया गया। अन्य तहसीलदार द्वारा उल्लेखनीय वसूली नहीं की गई।
राशि वसूलने के कलेक्टर ने दिए निर्देश – राजस्व वसूली की समीक्षा में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि चूँकि रतलाम में डी-मार्ट के सामने स्थित रामदेव बाबा डेवलपर्स एण्ड बिल्डर्स द्वारा भूमि डायवर्सन के 45 लाख रुपए नहीं चुकाया जा रहे हैं, अतः उनकी संपत्ति कुर्क करके राशि वसूल की जाए। उक्त निर्देशानुसार तहसीलदार गोपाल सोनी द्वारा कार्रवाई की जाएगी। समीक्षा के दौरान रावटी तहसीलदार के प्रति नाराजगी व्यक्त की गई। कलेक्टर ने कहा कि वहां भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत आई है। एसडीएम सैलाना को जांच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले के लक्ष्य के विरुद्ध अक्टूबर माह तक 50 प्रतिशत वसूली कर ली जाए।
पटवारी हेड क्वार्टर पर क्यों नहीं रहते – इस दौरान पटवारियों के मुख्यालय पर नहीं रहने पर कलेक्टर ने रावटी तथा बाजना तहसीलदारों के प्रति नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने कहा कि क्या आपको पटवारियों से डर लगता है। आपके क्षेत्र के पटवारी अपने मुख्यालय पर क्यों नहीं रहते हैं। अगर आपके पटवारी मुख्यालय पर नहीं रहते हैं तो आपकी सैलरी रोक दी जाएगी। कलेक्टर द्वारा समस्त तहसीलदारों को निर्देशित किया गया कि राजस्व कार्य को बेहतर ढंग से करें। यह तहसीलदारों का मूल कार्य है। आज की स्थिति में देखा जा रहा है कि आप अपने मूल कार्य को भी बेहतर ढंग से नहीं कर पा रहे हैं तो आपसे क्या उम्मीद रखी जाए कि आप उचित मूल्य दुकान चेक करेंगे, पंचायतों को चेक करेंगे, मनरेगा कार्यों और आंगनबाड़ियों को कैसे चेक कर पाएंगे।
6 माह से अधिक अवधि के प्रकरणों में नोटिस – कलेक्टर ने नामांतरण बंटवारा इत्यादि की समीक्षा में निर्देश दिए कि जिन तहसीलदारों के न्यायालयों में छह माह से ज्यादा अवधि के प्रकरण लंबित हैं उनको शोकाज नोटिस दिया जाएगा। रतलाम शहर के एक अविवादित नामांतरण के प्रकरण के निपटारे में अनावश्यक देरी बरतने पर नायब तहसीलदार संतोष रतनावत के प्रति कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। राजस्व प्रकरणों के निपटारे में तहसीलदार जावरा जायसवाल का कार्य अत्यंत कमजोर पाया गया। इसके अलावा पिपलोदा तथा बिलपांक में भी प्रगति अत्यंत कमजोर पाई गई।
तहसीलदार लिखित में देगा कि खदाने चेक कर ली – कलेक्टर ने बैठक में खनिज पट्टों के भौतिक सत्यापन की समीक्षा की, निर्देश दिए कि सभी तहसीलदार लिखित में जानकारी देंगे कि उनके द्वारा उनके क्षेत्र की समस्त खनिज खदान चेक कर ली गई है और ठेकेदार द्वारा उसको पट्टे में दी गई भूमि की स्वीकृत सीमा में ही खनन किया जा रहा है।
तहसीलदारों की क्लास लगी – राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम द्वारा शासन की स्वामित्व योजना आबादी सर्वे की जानकारी पर तहसीलदारों की क्लास ली गई। कलेक्टर द्वारा दो-तीन तहसीलदारों से पूछा गया कि स्वामित्व कार्यक्रम क्या है परंतु उनके पास आश्चर्यजनक रूप से जानकारी नहीं थी। इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि शासन की सभी योजनाओं की जानकारी रखें अन्यथा योजनाओं कार्यक्रमों का धरातल पर क्रियान्वयन कैसे करवा पाएंगे। कलेक्टर ने स्वामित्व अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि अब भूमि स्वामी के पास उसकी भूमि के बारे में अधिकृत दस्तावेज होगा जिससे वह बैंक से लोन ले सकेगा। उसकी भूमि की रजिस्ट्री हो सकेगी। अब उसके पास खसरे के अलावा भी एक और दस्तावेजी सबूत अपनी भूमि के संबंध में होगा।
यह रहे उपस्थित – बैठक में अपर कलेक्टर एमएल आर्य, एसडीएम जावरा हिमांशु प्रजापति, रतलाम शहर एसडीएम अभिषेक गहलोत, आलोट एसडीएम राजेश शुक्ला, सैलाना एसडीएम कामिनी ठाकुर तथा तहसीलदार, नायब तहसीलदार उपस्थित थे।