रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
मध्यप्रदेश की राजधानी में 8 जनवरी से शुरू हुए करणी सेना परिवार के आंदोलन में एक नया विवाद शुरू हो गया है। आरक्षण व अन्य मुद्दों पर राजपूत समाज के संगठन करणी सेना ने यह आंदोलन शुरू किया है। आंदोलन में मौजूदा भाजपा की शिवराज सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश देखा जा रहा है। पूरे आंदोलन की बागडोर जीवनसिंह शेरपूर के हाथों में है। इसी बीच अब इस आंदोलन में राजस्थान के राजपूत नेता महिपालसिंह मकराना का भाषण विवादों में घिर चुका है। करणी सेना में राष्ट्रीय पदाधिकारी रहे महिपालसिंह मकराना ने विषय से हटकर गुर्जर समाज पर विवादित टिप्पणी कर दी। जंबूरी मैदान में भीड़ को संबोधित करते हुए मकराना ने सम्राट मिहिर भोज के मामले पर बोलना शुरू कर दिया। बोलते बोलते उन्होंने गुर्जर समाज पर विवादित टिप्पणी कर उन्हें गाय भैंस चराने वाला बताया। इसी बात को लेकर देशभर में गुर्जर समाज विरोध में उतर आया है। कई स्थानों पर मकराना के पुतले जलाए जा रहे है। बुधवार को रतलाम में गुर्जर समाज द्वारा एसपी अभिषेक तिवारी के नाम ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में महिपालसिंह मकराना के खिलाफ FIR की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया कि मकराना ने जातीय हिंसा भड़काने का प्रयास किया है। विवादित बयान से पूरे प्रदेश की शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश की गई। सामुहिक भाषण में गुर्जर समाज को अपमानित किया गया है।
आपको बता दे कि सम्राट मिहिर भोज के गुर्जर या राजपूत होने पर विवाद उत्तरप्रदेश से शुरू हुआ है। जिसके बाद दोनों ही समाज महिरि भोज पर अपनी अपनी जाति का होने का दावा कर रहे है। इस पूरे मामले में इतिहासकार भी एकमत नहीं है। हालांकि इस पूरे मामले में करणी सेना परिवार ने मांफी मांगी है। जीवनसिंह शेरपूर ने भी गुर्जर समाज से माफी मांगी है। बकौल करणी सेना जंबूरी मैदान में हो रहे आंदोलन में सर्व समाज शामिल है। अब आगे महिपालसिंह मकराना पर संगठन व प्रशासन क्या कार्रवाई करता है यह देखना बाकी है।