– पीडि़त बच्चे पहुंच गए थाने और डीन का गैर जिम्मेदाराना जवाब मुझे नहीं जानकारी
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम के शासकीय डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज में एक बार फिर जूनियर स्टूडेंट सीनियर की मारपीट का शिकार हुए हैं। हैरानी की बात यह है कि पीडि़त जूनियर स्टूडेंट थाने पहुंचकर लिखित शिकायत की। इसके बाद भी डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता अपनी पूर्व की कार्यशैली को लेकर इस बार भी गैर जिम्मेदार दिखाए दिए। डीन डॉ. गुप्ता ने गैर जिम्मेदाराना जवाब दिया है कि उन्हें घटना को लेकर कोई जानकारी नहीं है। रतलाम औद्योगिक क्षेत्र पुलिस मारपीट का शिकार हुए जूनियर स्टूडेंट की शिकायत पर जांच कर रही है।
प्रारंभिक रूप से सामने आया कि किसी स्टूडेंट द्वारा इंस्टाग्राम पर सीनियर को लेकर पोस्ट सेंड की थी। इसी बात से नाराज होकर सीनियरों ने 60 जूनियर स्टूडेंटों को शुक्रवार शाम बॉयस हॉस्टल में बुलाया था। सभी जूनियर स्टूडेंट को पहले सीनियर स्टूडेंट द्वारा दर्द निवारक दवा खिलाई गई और उसके बाद उन्हें गालों पर चांटों की बौछार शुरू कर दी थी। सूत्रों की मानें तो सीनियर स्टूडेंट अपनी रंगबाजी लगातार दिखाते आ रहे हैं। वह जूनियर स्टूडेंट से शराब और सिगरेट के अलावा बाहर से अन्य आपत्ति जनक सामग्री मंगवाते हैं। कॉलेज प्रशासन को शिकायत करने के बाद भी सीनियर स्टूडेंट के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। इसके पीछे प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि कॉलेज प्रशासन के डॉक्टर और स्टॉफ का सीनियर स्टूडेंट को संरक्षण प्राप्त है। शुक्रवार को जूनियर स्टूडेंट के साथ हुई मारपीट का आरोप वर्ष-2022 बैच के सेकंड ईयर के स्टूडेंट पर लगा है। फर्स्ट ईयर के पीडि़त स्टूडेंटों की मानें तो शुक्रवार शाम 4 बजे क्लास से छुट्टी हुई थी। तब उन्हें बॉयस हॉस्टल में बुलाया गया।
सभी जूनियर स्टूडेंट वहां पहुंचे। सेंकड ईयर के स्टूडेंटों ने 60 जूनियर स्टूडेंट को लाइन से खड़ा कर आंखे बंद कराई थी। फिर चांटे मारने लगे। इस दौरान उन्हें जबरदस्ती दवा भी खिलाई गई। बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज से संबंधित सोशल मीडिया इस्टांग्राम पर पेज बना हैा। किसी ने उस पर सीनियर के खिलाफ पोस्ट की थी। इसी से नाराज होकर सीनियर ने मारपीट की। पोस्ट किसने की यह किसी को नहीं मालूम। सीनियर स्टूडेंटों की मारपीट का शिकार या रैगिंग का शिकार हुए जूनियर स्टूडेंट के चेहरो पर चांटे के निशान साफ देखे जा सकते हैं। थाने पर आए स्टूडेंट का कहना था कि मारपीट के कारण डर गए थे। इस कारण रात में उन्होंने किसी को जानकारी नहीं दी थी। शनिवार सुबह मेडिकल कॉलेज प्रशासन को घटना की जानकारी दी, लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नहीं होने पर उन्हें थाने पर आने के लिए मजबूर होना पड़ा। थाने पर जूनियर स्टूडेंट के पहुंचने पर प्रशासन भी हरकत में आया। प्रशासन की तरफ से नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय भी थाने पहुंचे। पुलिस भी मेडिकल कॉलेज पहुंची और जानकारी ली। नायब तहलीदार उपाध्याय ने थाने आए एक-एक स्टूडेंट से पूछताछ की। कई स्टूडेंट तो डर के कारण थाने पर नहीं आए। थाने पर जूनियर स्टूडेंट विभाशुं मिश्रा निवासी रुद्रपुर सिटी (उत्तराखंड), ऋषि नायक निवासी टिकमगढ़ सहित 12 छात्रों ने हस्ताक्षरयुक्त लिखित शिकायत की है। रैगिंग के मुद्दे पर वंदेमातरम् न्यूज ने मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता से चर्चा की। पूर्व की तरह इस बार भी उनके द्वारा गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए जवाब दिया कि रैगिंग है या नहीं है पता कर रहे है।