ऐश्वर्य सिंह
भोपाल, वंदेमातरम् न्यूज।
भोपाल के जंबूरी मैदान में करणी सेना परिवार और सर्व समाज के ऐलान के मताबिक आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई है। 21 सूत्रीय आंदोलन को विफल साबित करने के आरोप से घिरी राज्य सरकार को जंबूरी मैदान में बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के बाद मुंह की खानी पड़ी। प्रदर्शन स्थल पर बनाए गए मंच से क्षत्री और क्षत्राणी सहित सर्व समाज के वक्ताओं द्वारा सरकार को मांग पूरी नहीं करने पर सीधे-सीधे आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चुनौती दे डाली है।
करणी सेना परिवार और सर्व समाज के बैनर तले रविवार को राजधानी के जंबूरी मैदान में जन आंदोलन को लेकर राज्य सरकार सहित प्रशासन अलर्ट मोड़ पर था। मांगों को लेकर आंदोलन पूर्व राजपूत समाज दो धड़ में बंट गया था। एक धड़े ने प्रदेश के मंत्रियों के इशारे पर राजपूत पंचायत सीएम हाउस में करवाकर करणी सेना परिवार को इससे दूर कर दिया था। पूरे मामले में रतलाम में दोनों धड़ों की अलग-अलग हुई प्रेस वार्ता के बाद राज्य सरकार और आमजन की नजर रविवार को शुरू होने वाले जन आंदोलन में आमजनता के समर्थन पर टिकी हुई थी। शनिवार रात से जंबूरी मैदान प्रदर्शन स्थल पर अलग-अलग दिशाओं से वाहनों के काफिले के साथ पहुंचे प्रदर्शनकारियों के बाद मंसूबों पर पानी फिर गया। बता दें कि राजधानी के जंबूरी मैदान पर रवाना होने से पहले करणी सेना परिवार के यादवेंद्रसिंह तोमर ने राजपूत बोर्डिंग में आयोजित पत्रकार वार्ता में राज्य सरकार पर जन आंदोलन में बाधा उपजाने का गंभीर आरोप भी लगा चुके थे।
जन आंदोलन शुरू होने से पहले बंट गए दो धड़
मुख्यमंत्री निवास पर राजपूत समाज के एक धड़े की मांगों पर निर्णय के बाद समाज में दो धड़ आमने-सामने हो गए हैं। समाज के एक वर्ग ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा मांगी गई मांगों का उल्लेख कर धन्यवाद ज्ञापित किया तो दूसरे ने जनआंदोलन में शामिल होने से पूर्व शनिवार को पत्रकार वार्ता की। करणी सेना परिवार के तोमर ने बताया था कि यह आंदोलन हमारे अधिकार और स्वाभिमान का है। 21 सूत्रीय मांगे सिर्फ राजपूत समाज की नहीं बल्कि समान रूप से सभी धर्म और समाज की हैं। भोपाल में जन आंदोलन से पूर्व राज्य शासन द्वारा रोके जाने के सवाल पर तोमर ने बताया था कि करणी सेना परिवार और सर्व समाज के बैनर तले अंहिसात्मक तरीके से प्रदर्शन किया जाएगा। बसों की परमिट नहीं देने के बाद सभी प्रदर्शनकारी निजी वाहनों से भोपाल प्रदर्शन में पहुंचे हैं।