रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
सीटू एवं मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन ने संयुक्त रूप से न्यूनतम वेतन के रिवीजन की मांग की। रतलाम के एमआर कार्यालय से मोटरसाइकिल रैली निकालते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम कलेक्ट्रोरेट में ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन अन्य मांगों के रिवीजन की मांग की। चेतावनी भी दी की समय रहते मांगे नहीं मानी गई तो 30 नवंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी।
रतलाम एमपी एमएस आरयू अध्यक्ष कॉमरेड अश्विनी शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश की सरकार ने वर्ष-2016 में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के लिए न्यूनतम वेतन घोषित किया था। पिछले 9 साल से न तो न्यूनतम वेतन में कोई रिवीजन किया गया है और न ही 8 घंटे के काम को लागू किया।मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के लिए लागू सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज एक्ट 1976 का पालन भी नही किया जा रहा है। रतलाम जिले के उपाध्यक्ष कॉमरेड अभिषेक जैन ने बतलाया कि पुरे देश मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जिसने पिछले 9 सालों में मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी नही की है और न ही शिवराज सरकार ने ट्रेड यूनियनों की त्रिपक्षीय समितियों के साथ आज तक कोई बैठक की है,जिसके खिलाफ में सीटू एवं एमपीएमएसआरयू पूरे प्रदेश में न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा जा रहा है। इस दौरान केंद्र सरकार के श्रममंत्री भूपेंद्रसिंह यादव के नाम भी आठ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान कॉमरेड रसीद खान, कोषाध्यक्ष संजय व्यास, कार्यकारणी सदस्य अविनाश पोरवाल, ,सचिन तिवारी, निखिल मिश्र, आनंद गरवाल, एमएल नगावत एवं काफी सख्या में दवा प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
यह मांगे प्रमुख
देश के मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव की समस्याओं को लेकर बनी त्रिपक्षीय समिति की बैठक बुलाई जाए। एसपीएक्ट 1976 को सुरक्षित एवं सुनिश्चित किया जाए। मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के काम करने की नियमावाली तय की जाए। काम करने के मौलिक अधिकार को सुरक्षित किया जाए। सेल्स प्रमोशन एम्प्लाइज की डिजिटलाइजेशन के नाम ट्रेकिंग सर्विलांस पर रोक लगाए जाए। दवाओं पर जीरो जीएसटी लागू करे।