रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
भाजपा ने देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या करने वाले दिन 25 जून को काला दिवस के रूप में मनाया। रंगोली सभागार में आपातकाल की विभीषिका दर्शाने वाली डाक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई। भाजपा पदाधिकारियों ने लोकतंत्र रक्षक सैनानियों का शॉल-श्रीफल से सम्मान कर आगामी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने वाली भाजपा सरकार बनाने का संकल्प लिया।
विधायक चेतन्य काश्यप एवं भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह लुनेरा के साथ सभी लोकतंत्र रक्षक सैनानी मंचासीन रहे। मीसाबंदी एवं पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष कन्हैयालाल मौर्य ने इस मौके पर कहा कि राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर देश में आपातकाल जैसे हालात निर्मित करने के आरोप लगाते है लेकिन आपातकाल क्या होता है यह उन्हें नहीं पता। 25 जून, 1977 को उनकी दादी इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए जो आपातकाल लगाया था, यदि वे उसे देखते तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते। उस आपातकाल में कई जुल्म किए गए लेकिन भाजपा और पूर्ववर्ती संगठनों के सदस्यों ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया और संघर्ष कर पार्टी को इस मुकाम पर पहुंचाया है। मंच पर लोकतंत्र रक्षक सैनानी महेन्द्र नाहर, कन्हैयालाल चौधरी, विनय मोघे, बसन्त पुरोहित, दिनेश सोलंकी, परशराम सैनी, शांतिलाल गौरेचा, शंकरलाल माली, प्रकाश गुगलिया एवं राजेन्द्र भरकुन्दिया उपस्थित रहे। आरंभ में भारत माता, भाजपा के पितृपुरूष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी एवं प. दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय, उपाध्यक्ष सुनील सारस्वत, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, कार्यालय मंत्री मनोज शर्मा, जिला मीडिया प्रभारी अरूण त्रिपाठी, महासंपर्क अभियान जिला संयोजक प्रवीण सोनी आदि ने लोकतंत्र रक्षक सैनानियों का सम्मान किया।
लोकतंत्र का घोंटा था पूर्व प्रधानमंत्री ने गला – विधायक काश्यप
विधायक काश्यप ने आपातकाल के काले दिन पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1977 को आपातकाल लागू कर लोकतंत्र का गला घोंटा था। इसके विपरित प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्तमान सरकार लोकतंत्र की मर्यादा के लगातार आदर्श स्थापित कर रही है। केन्द्र सरकार ने कश्मीर समस्या के समाधान, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण सहित कई मुद्दों का लोकतांत्रिक समाधान किया है। राष्ट्र के लिए राष्ट्रवादी सोच होना बहुत जरूरी है और भाजपा की सरकारें इसी विचारधारा के साथ लगातार कार्य कर रही है।