असीम राज पांडेय, केके शर्मा, जयदीप गुर्जर
रतलाम। लंबे समय से अवैध कॉलोनी के कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर का दावा भरा जा रहा है। मुख्यालय पर भले ही कार्रवाई शुरू न हो सकी, लेकिन जावरा में नेताजी ने ऐसा चमत्कार दिखाया कि कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर हो चुकी। अर्से से जावरा के एक जनप्रतिनिधि अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रयासरत थे, प्रशासकीय मशीनरी साथ नही दे रही थी। आखिरकार उन्होंने प्रदेश के मुखिया से वीडियो कांफ्रेंसिंग में शिकायत कर डाली। आनन फानन में प्रशासन हरकत में आया और जिले के मुखिया जावरा पहुंच कार्रवाई में जुट गए। जावरा से अधिक अवैध कालोनियां रतलाम में है। उन पर कार्रवाई के लिए पुलिस को काफी पहले पत्र लिखा था, लेकिन कार्रवाई नहीं हो पाई। अब चर्चा यह है कि क्या जावरा व रतलाम में नियम अलग-अलग होने से रतलाम में कार्रवाई शुरू नहीं हुई। या फिर और कोई बात है।
मुखिया के खिलाफ बैठा महकमा एक ही दिन में उल्टे पांव लौटा
जिले के मुखिया अपने अधिनस्थों से काम करवाने के लिए सख्त कार्यप्रणाली अपनाते है। पिछले सप्ताह जमीन नापने वाले कर्मचारियों की मनमानी पर सस्पेंड के आदेश दिए, हालांकि आदेश मौखिक थे। ऐसे में इन कर्मचारियों का महकमा अपने कर्मचारियों के लिए आगे आकर मुखिया के खिलाफ जोर-शोर से लामबंद हो गए और तीन दिन कामकाज बंद करने की घोषणा कर डाली। इधर मुखिया भी एक दिन के लिए महाकाल नगरी चले गए। वहां से आने के अगले दिन ही मुखिया के खिलाफ कामकाज छोड़ बैठा महकमा उसी दिन उल्टे पांव काम पर लौट आया। अब चर्चा यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ या फिर मुखिया ने महकमें के कौन सी नस दबाई या मुखिया ने खेद जताया। यह तो मुखिया जाने या फिर महकमा, ये अंदर की बात है!
भोपाल पत्र पहुंचते ही जिला संगठन भौचक्का
संगठन के साथ एल्डरमैन नियुक्ति की सुगबुगाहट शहरवासियों के अलावा भाजपा में चर्चा का विषय है। भोपाल पहुंचे पत्र में नामों को लेकर जिला संगठन भौचक्का है और भाजपा में एक अनार सो बीमार की स्थिति है। नगरीय निकाय चुनाव में जिन नेताओं को बैठाया उनके नाम भोपाल नहीं पहुंचे है। ऐसी स्थति में भोपाल से दोबारा नियुक्तियों को लेकर नाम मंगवाए जा रहे हैं। अब देखना यह है कि भोपाल में नाम उन्हीं के पहुंचेंगे जो पहले पत्र में थे या दूसरे नामों पर नए सिरे से विचार होगा। जिला संगठन में अब सवाल यह है कि पूर्व में जारी पत्र में नाम किसकी सहमति से भोपाल पहुंचे है। प्रदेश संगठन ने अब दोबारा नामों की सूची मांगी है।