रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रेलवे स्टेशन पर टीईटी रेस्ट हाउस में गुरुवार रात कैंटीन संचालक व टीटीई में जमकर विवाद हो गया। खाने की क्वॉलिटी व इसकी मात्रा कम होने पर टीटीई भड़क गए। मामला बढ़ा तो कैंटीन संचालक जीआरपी थाने पहुंचा। मौके पर पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद व सीटीआई स्लीपर पहुंचे तो मामला शांत हुआ। ठेकेदार का कहना है कि नशे में टीटीई ने विवाद कर किचन में सामान फेक दिए।
विवाद रात करीब 11 बजे हुआ। पश्चिम एक्सप्रेस से मुंबई स्टाफ टीटीई केतन शर्मा साथी कर्मचारियों के साथ स्टेशन उतरा। स्टेशन स्थित रेस्ट हाउस पर ठहरने के बाद जब खाने का ऑर्डर दिया तो खाने की क्वॉलिटी व कम मात्रा को लेकर संचालक से विवाद हो गया। मामला गरमाया तो कैंटीन संचालक देवेंद्र शर्मा जीआरपी थाने जा पहुंचा।
इधर, इसकी सूचना पर पश्चिम रेलवे कर्मचारी परिषद महामंत्री व जेडआरयूसीसी सदस्य शिवलहरी शर्मा व सीटीआई स्लीपर कैलाश शर्मा को मिली तो वे मौके पर पहुंचे। शिवलहरी शर्मा ने आपत्ति ली कि यदि मामले में पुलिस कार्रवाई हुई तो वे भी सभी टीटीई को बुलाकर प्रदर्शन करेंगे। समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
हर टीटीई को मिलते है कूपन
रेलवे की सब्सिटाइज मिल योजना के तहत टीटीई रेस्ट रूम का भी ठेका दिया गया है। दूसरे स्टेशनों से ड्यूटी कर आने वाले टीटीई के लिए ठहरने पर उन्हें खाना, चाय व नास्ता के इंतजाम रहते है। ठेकेदार को रेलवे से प्रतिकर्मचारी 49 रुपए दिए जाते है। जबकि हेडटीसी ऑफिस से हर टीटीई को 5 रुपए के हर दिन 4 कूपन दिए जाते है। इसमें कर्मचारी का पीएफ नंबर, ट्रेन नंबर व संबंधित टीटीई का नाम दर्ज रहता है।
मीनू के मुताबिक खाना नही देने का आरोप
रेस्ट हाउस पर ठहरने वाले टीटीई का आरोप है कि ठेकेदार उन्हें मीनू के मुताबिक खाना नही दे रहा है। खाने की मात्रा भी कम रहती है। यही वजह है कि आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित होने लगी है।
आए दिन टीटीई करते विवाद
मामले मे ठेकेदार का कहना है कि ये टीटीई आए दिन नशे की हालत में विवाद करते है। चावल बनाने में देरी होने पर भड़क गए। जमकर गाली गलौच की। कुर्सी सहित समान फेक दिए। अपने बचाव के लिए उसे जीआरपी थाने जाना पड़ा।
इनका ये कहना
मामले की सूचना मिली है। खाना बनाने में देरी की वजह से टीटीई ने विवाद किया है। बड़ा मामला नही है। ऐसी नोकझोंक आए दिन होती है।
अमित कुमार साहनी, मंडल वाणिज्य प्रबंधन रतलाम