– स्वास्थ्य विभाग में 1652 शिकायतें लंबित, दोष शासन के सिर पर मढ़ा
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। आमजन के उपचार में लापरवाही बरतने वाला रतलाम जिला अस्पताल और मूलभूत सुविधाओं के एवज में मुसीबत में रखने वाली रतलाम नगर निगम में मनमर्जी हावी है। जिम्मेदारों का नकारापन कुछ ऐसा है कि यह सिर्फ मलाईदार फाइलों पर ही फोकस कर रहे हैं। नतीजतन आमजन से जुड़े दोनों विभाग से जनता परेशान है। खास बात यह है कि जब कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की तो विभाग के जिम्मेदार ने उल्टा सरकार को हो दोषी बता दिया। स्वास्थ्य विभाग में 1652 शिकायत सीएम हेल्पलाइन में पेडिंग है। नगर निगम में भी सीएम हेल्पलाइन की फेहरिस्त लंबी है जिसमे सबसे ज्यादा शिकायत स्वास्थ्य और लोकनिर्माण विभाग शामिल है।
सीएम हेल्पलाइन में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी संख्या में लंबित शिकायतों पर पुनः सख्त नाराजगी रतलाम कलेक्टर द्वारा व्यक्त की गई। बताया गया कि सीएम हेल्पलाइन में स्वास्थ्य विभाग की 1652 लंबी शिकायत हैं, इनमें से 736 शिकायत जिला चिकित्सालय की है। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद चंदेलकर द्वारा जवाब में हास्यास्पद जानकारी देकर चौंकाया है कि अधिकांश शिकायत योजनाओं के भुगतान की हैं। जिसमें शासन से राशि कम प्राप्त होने के कारण समस्त भुगतान नहीं किया जा सका हैं। इस कारण शिकायते लंबित है। नगर निगम की ज्यादा संख्या में शिकायतें लंबित पाई गई जिस पर कलेक्टर ने असंतोष व्यक्त किया तथा निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट को कार्य में शिथिलता दूर करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने दोनो विभाग प्रमुखों को शिकायत निराकरण में तेज गति से कार्रवाई के लिए निर्देशित किया।
निजी स्कूलों के संचालन की नहीं हो रही मॉनिटरिंग
कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा को निर्देशित किया कि जिले में सभी शासकीय तथा प्राइवेट स्कूलों का संचालन शासन द्वारा जारी निर्देशों में किया जाए। विभाग सतत मॉनिटरिंग एवं निरीक्षण करें। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रृंगार श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर राधेश्याम मंडलोई, शालिनी श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। कलेक्टर ने निर्देशित किया कि स्कूलों के बारे में यदि पालकगणों से शिकायत प्राप्त होती हैं तो उन्हें शासन द्वारा गठित जिला स्तरीय समिति के समक्ष रखा जाए। इसके अलावा अन्य सभी स्कूल संबंधी मुद्दों एवं शिकायतों को समिति के समक्ष रखा जाकर विचार विमर्श करके हल किया जाएगा, आवश्यक होने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग सुनिश्चित करें कि जिले के सभी प्राइवेट स्कूल शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार संचालित किए जा रहे हो। स्कूलों द्वारा वसूल की जाने वाली फीस तथा अन्य राशि का डाटा पोर्टल पर अपलोड करने की अंतिम तारीख 28 जून थी। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि उक्त तिथि तक अपलोड डाटा की समीक्षा विभाग द्वारा कर ली जाए। निर्देश दिया कि नियमानुसार फीस राशि में किसी भी स्कूल द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि की है तो उस स्कूल के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।