रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रेलवे में बेहतरीन काम करने वाले रेलवे कर्मचारियों को भले डीआरएम अवॉर्ड दिया गया। मगर रेल अधिकारी मेन ऑफ दी मंथ के रूप में कोरोना काल मे बेहतर काम करने वाले कोरोना वीरों को भुला बैठे।
कोरोना काल के बावजूद रेलवे ने कुछ स्पेशल यात्री ट्रेनों का परिचालन किया। वहीं मालगाड़ियों का धड़ल्ले से चलाई। रनिग के अलावा डीआरएम ऑफिस में कई कर्मचारियों ने कोरोना गाइडलाइन में मुताबिक दिन-रात ड्यूटी कर कर्तव्य का निर्वहन किया। ऐसे में सभी को उम्मीद है कि बेहरत काम पर उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा। लेकिन फिलहाल ऐसा नही होने से कर्मचारियों में निराशा है।
बता दें कि शुक्रवार को करीब 50 कर्मचारियों को डीआरएम अवॉर्ड दिया गया। इसमे ग्रुप के अलावा व्यक्तिगत पुरस्कार भी दिए गए।
अप्रैल 2020 के बाद से अनदेखी
रेल प्रशासन ने प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभागवार चयनित श्रेष्ठ कर्मचारियों को मेन ऑफ दी मंथ अवॉर्ड देना शुरू किया। इसमे रनिंग के दौरान दुर्घटना टालने, किसी यात्री को बचाने, रेल संपत्ति की क्षति रोकने या ट्रेनों के निर्बाध परिचालन जैसे कामो पर दिया जाता है।
इसी अवॉर्ड में कोरोनवीरो को भी शामिल किया गया। हालात यह है किअप्रैल 2020 से अब तक करीब 30 कर्मचारियों का चयन सूची जारी कर दी गई। अभी तक उन्हें यह पुरस्कार नही मिला। वे डीआरएम अवॉर्ड विजेताओं को निराशाभरी निगाहो से देखते रहे।
इनका कहना
डीआरएम अवॉर्ड पूरे साल का रहता है। इसमें मेडिकल विभाग सहित अन्य विभाग के कर्मचारियों को शामिल किया गया है। मेन ऑफ दी मंथ भी कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाता है। यह रेलवे की सतत् प्रक्रिया है।
एचके वाणिया, वरिष्ठ मंडल कर्मिक अधिकारी रतलाम