रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
चार दिन पूर्व रतलाम के दीनदयालनगर थाना क्षेत्र के सांई रेसिडेंसी स्थित जुआ अड्डे पर दबिश के बाद पुलिस की कारगुजारियों से परत-दर-परत उजगार हो रही है। अड्डे पर दबिश से पहले सूचना पहुंचने पर दो बड़े जुआरी अनिल उर्फ अतुल हाथी एवं गोविंद डमरू पीछे के दरवाजे से भाग निकले थे तो दूसरी तरफ आरोपियों को स्वयं के दोपहिया वाहन से थाने पर लाने के दौरान जुआरी दिनेश पिता सुजानमल तलेरा निवासी धानमंडी और गोपाल पिता कल्याणमल निवासी चौमुखीपुल फरार हो गए थे। बड़ा जुआरी अनिल उर्फ अतुल हाथी जुआ अड्डे पर नहीं होने की बात कहकर प्रमाण प्रस्तुत कर एफआईआर से नाम कटवाने की कोशिश में जुटा है। इतना ही नहीं अब अड्डे पर 6 हजार रुपए रोज की नाल कटने के बावजूद दबिश से पुलिस और जुआरियों में खींचतान शुरू हो गई।
मालूम हो कि 17 फरवरी की शाम 6 बजे दीनदयालनगर थाना की एक टीम ने अरसे से सांई रेसिडेंसी में संचालित अड्डे पर दबिश दी थी। दबिश की सूचना मिलने पर बड़ा जुआरी अनिल उर्फ अतुल हाथी और गोविंद डमरू पीछे के दरवाजे से फरार हो गए थे और मौके से छह जुआरी दिनेश पिता सुजानमल तलेरा निवासी धानमंडी, गोपाल पिता कल्याणमल निवासी चौमुखीपुल, सुनील पिता मोहनलाल अग्रवाल निवासी दीनदयालनगर, सोनू पिता बाबूलाल राठौड़ निवासी गोशाला रोड, दिलीप पिता चांदमल निवासी वेदव्यास कॉलोनी एवं लोकेश पिता विमलकुमार जैन निवासी पैलेस रोड को हिरासत में लेकर स्वयं के दोपहिया वाहनों से थाने लाया जा रहा था। सांठगांठ या चकमा देकर रास्ते से आरोपी दिनेश और गोपाल फरार हो गए थे। थाना प्रभारी शिवमंगलसिंह सेंगर ने कार्रवाई पर मीडिया के सवालों से बचकर थाने से अन्यंत्र जाने के बाद कटघरे में आई थाना पुलिस के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के सामने मामला संज्ञान में पहुंचा था। दबिश के 4 घंटे बाद रात 10 बजे सीएसपी हेमंत चौहान ने शेष फरार चार आरोपियों सहित पूरे मामले का वीडियों जारी किया। दबिश के बाद देर रात रास्ते से फरार जुआरी दिनेश व गोपाल की पुलिस ने गिरफ्तारी दशाई तो उसके अगले दिन 18 फरवरी को गोविंद डमरू थाने पर पेश हुआ था। मामले में अभी भी अनिल उर्फ अतुल हाथी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार अनिल उर्फ अतुल हाथी थाने पर दबिश के दौरान अड्डे पर नहीं होने के अलग-अलग प्रमाण प्रस्तुत कर रहा है। जानकारों की मानें तो बड़ा जुआरी अनिल उर्फ अतुल हाथी की सीडीआर खंगाली जाए तो उसकी आए दिन की लोकेशन अड्डे पर मौजूद होने का प्रमाण प्रस्तुत करेगी।
अड्डा चलाने के लिए जुटाते थे 1.80 लाख रुपए प्रतिमाह
सूत्रों के अनुसार बड़े जुआरियों का सांई रेसीडेंसी में काफी समय से अड्डा आरोपी सुनील पापड़ पिता मोहनलाल अग्रवाल निवासी दीनदयालनगर के संरक्षण में चलता था। इस अड्डे पर बड़े-बड़े 12 जुआरी रोज लाखों की हारजीत करते थे। अड्डे पर बेखौफ जुआरी लाखों रुपए की हारजीत के लिए प्रतिदिन 6 हजार रुपए की नाल कटवाते थे। यानी 12 जुआरियों की इस गैंग में प्रति व्यक्ति को 500-500 रुपए अवैध जुआ अड्डा संचालनकर्ता को देना पड़ते थे। यह 6 हजार रुपए जुआरियों के खान-पान का बंदोबस्त सहित संबंधित थाने की दबिश नहीं पड़े बतौर सुरक्षा राशि जुआरियों से एकत्र की जाती थी। दबिश के बाद 12 सदस्यीय जुआरी गैंग में बवाल मचा हुआ है कि प्रतिदिन राशि देने के बाद भी उनके चेहरों से नकाब कैसे उतरा।