रतलाम/मध्यप्रदेश, वंदेमातरम् न्यूज।
जिले के साथ ही प्रदेशभर के शिवालयों में शनिवार दोपहर उस समय भीड़ लगने लगी जब लोगों को मालूम हुआ कि नन्दी महाराज पानी पी रहे है। रतलाम सहित प्रदेश के इंदौर, भोपाल, नीमच, मंदसौर आदि जिलों से भी इस प्रकार की खबरे लगातार सामने आ रही है। लोग मौके पर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया लर जमकर वायरल कर रहे हैं।
रतलाम में पहली खबर शनिवार दोपहर को पटरी पार के सुरभी परिसर से आई। जिसके बाद मालिकुआँ, गढ़कैलाश महादेव मंदिर, जवाहनगर, कस्तूरबा नगर, तेजा नगर के साथ -साथ ग्रामीण अंचल से भी लगातार भगवान शिव के वाहन नन्दी के पानी व दूध पीने की खबरे सामने आने लगी।
हालांकि इस बात की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई है, मगर आस्था के साथ भक्त अपने आराध्य के चमत्कार को देखने बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। कई लोग इस बात से हैरत में भी है कि आखिर यह कैसे हो रहा है। हालांकि पहले भी कई बार इस प्रकार की खबरे सामने आ चुकी है।
जानकारों की माने तो मूर्ति का दूध-पानी पीना संभव नहीं है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है, बाइनरी थ्योरम लागू होता है। पृष्ठतनाव के कारण संगमरमर या पत्थर की मूर्तियों या फिर फर्श या दीवार के भीतर पतली दरार पड़ जाती है जिससे कभी-कभी दूध या पानी जैसा तरल पदार्थ भीतर चला जाता है। बाद में जगह मिलते ही वहां किसी न किसी हिस्से से बाहर निकलने लगता है।