रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर गांव बिलपांक में स्थित विरुपाक्ष (Virupaksha) महादेव के प्रति आस्था का सैलाब देखा गया। महाशिवरात्रि के तीसरे दिन अमावस्या को यहां खीर की प्रसादी का वितरण किया जाता है। संतान प्राप्ति और गंभीर बीमारी से जूझ रहे देश के कौने – कौने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आस्था पूर्वक प्रसाद स्वरूप खीर ग्रहण करने पहुंचे। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के लिए यहां पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त के साथ बाबा विरुपाक्ष (Virupaksha) महादेव के दर्शन का सिलसिला बना रहा। रतलाम के बिलपांक के विरुपाक्ष (Virupaksha) महादेव मंदिर को प्रशासन द्वारा संरक्षित घोषित किया जा चुका है। 64 स्तंभ वाले सभागृह में एक स्तंभ मौर्यकालीन भी है। यहां पिछले 81 वर्षों से हर शिवरात्रि पर महारुद्र यज्ञ होता है। जिसमें खीर का प्रसाद ग्रहण करने दूर-दूर से बड़ी संख्या में नि:संतान दंपती आते हैं।
प्राचीन मंदिर पर महाशिवरात्रि पर तीन दिवसीय मेला लगता है। जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते है। मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर महाशिवरात्रि के बाद तीसरे दिन अमावस्या को खीर की प्रसादी का वितरण महिलाओं को किया जाता है। मान्यता है कि जिन महिलाओं को संतान नहीं होती है वह खीर की प्रसादी ग्रहण करती है तो उनकी सूनी गोद भर जाती है। रविवार को प्रसादी ग्रहण करने के लिए हजारों की संख्या में महिलाएं परिवार के साथ यहां पहुंची। तीन दिवसीय मेले का आयोजन (Virupaksha) मंदिर की महारुद्र यज्ञ समिति द्वारा किया जाता है। पूरा गांव इस आयोजन में अपना कामकाज, व्यवसाय बंद कर बढ़चढ़कर शामिल होता है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में लग जाता है। महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर में पांच दिवसीय यज्ञ किया जाता है। इस यज्ञ में खीर की प्रसादी को पकाया जाता है। महाशिवरात्रि के तीसरे दिन अमावस्या पर यज्ञ की समाप्ति के बाद खीर की प्रसादी का वितरण किया जाता है। मंदिर की मान्यता है कि खीर की प्रसादी ग्रहण करने के बाद निसंतान दपंती संतान प्राप्ति होने पर बच्चे को लेकर आते है। (Virupaksha) महादेव के समक्ष माथा टेक बच्चों को यहां पर फल, गुड़, मिठाई व अन्य सामग्रियों से तोला जाता है। फिर यह प्रसादी के रुप में वितरण किया जाता है।
81 वर्ष से जारी है सिलसिला
महारुद्र यज्ञ समिति सदस्य संजय पाटीदार ने वंदेमातरम् न्यूज को बताया कि पिछले 81 साल से (Virupaksha) मंदिर से खीर प्रसादी वितरण किया जा रहा है। श्रद्धालु बड़े विश्वास के साथ महादेव के दर्शन करने आते है। समिति में कोई पदाधिकारी नहीं है। पूरा गांव अपनी सेवा देता है। रविवार को सुबह से लेकर देर शाम तक करीब 55 हजार महिलाओं ने खीर की प्रसादी ग्रहण की है। डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने विरुपाक्ष (Virupaksha) महादेव के दर्शन किए है। निसंतान दपंति की सूनी गोद भगवान भोले के आशीर्वाद स्वरूप खीर की प्रसादी ग्रहण से भर जाती है।