रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम के महू नीमच रोड स्थित कृषि उपज मंडी में प्याज की नीलामी देर से शुरू करने पर शनिवार को किसान भड़क गए। मंडी अधिकारियों व व्यापारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए किसानों ने हंगामा कर दिया। मंडी गेट बंद कर मंडी प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। करीब डेढ़ घंटे तक मंडी गेट बंद रखा गया। किसी को भी अंदर बाहर नहीं आने दिया।
शुक्रवार को मंडी में प्याज की आवक काफी मात्रा में हुई थी। नीलामी समय खत्म होने के कारण प्याज की नीलामी नहीं हो पाई। बारिश के मौसम को देखते हुए शनिवार व रविवार की छुट्टी के दिन शेष रही गई प्याज की आवक की नीलामी तय हुई थी। शनिवार सुबह तय समय 9.30 बजे नीलामी शुरू करना थी। लेकिन मंडी प्रशासन व व्यापारियों ने प्याज गिला होने के कारण सुबह 11.30 बजे नीलामी शुरू करने की बात कही। इस बात को लेकर किसान आक्रोशित हो गए। किसानों का कहना था कि मंडी में दो दिन से प्याज के ढेर लगा रखे है। किसानों के माल रखने के शेड पर व्यापारियों ने कब्जा कर रखा है। ऐेसे में फिर से बारिश होती है तो किसान को काफी नुकसान होगा। किसानों को समझाने पूर्व मंडी डायरेक्टर सुरेंद्रसिंह भाटी, मंडी प्रभारी राजेंद्र व्यास भी पहुंचे। लेकिन बात नहीं बनी। काफी देर तक चले हंगामें के बाद पुलिस भी पहुंची। किसानों को आश्वासन के बाद करीब डेढ़ घंटे बाद मंडी गेट को खोला गया। किसान राजेश पुरोहित, समरथ पाटीदार ने बताया कि शुक्रवार को बारिश के कारण प्याज गिला हो गया। किसानों के शेड पर मंडी व्यापारियों ने कब्जा कर रखा है। इस सैम7 में कलेक्टर को अवगत कराया है। लेकिन ध्यान नहीं दिया। मंडी अधिकारी व व्यापारी मिल कर अपने हिसाब से नीलामी का समय तय कर लेते है। मंडी का संचालन मंडी सर्कुलर से नहीं किया जा रहा है।
प्रतिदिन 20 हजार कट्टों की आवक
मंडी में प्रतिदिन प्याज के 20 हजार कट्टों की आवक हो रही है। मंडी परिसर में प्याज के ढेर लगे हुए है। एक दिन में नीलामी नहीं हो पा रही है। मंडी में सुबह 10 से दोपहर 4 बजे तक ही नीलामी हो पा रही है। किसानों का कहना था कि मौसम को देखते हुए मंडी प्रशासन को नीलामी का समय बढ़ाना चाहिए। ताकि नुकसान से बचा जा सके। लेकिन मंडी प्रशासन अपनी मनमर्जी करने में लगा है।
क्या कहते जिम्मेदार
शुक्रवार को आवक ज्यादा होने के कारण छुट्टी होने के बावूजद नीलामी शनिवार को तय की गई। प्याज गिला होने के कारण नीलामी के समय में बदलाव किया गया। ताकि प्याज सुख जाए। – राजेंद्र व्यास, मंडी प्रभारी, कृषि उपज मंडी