रतलाम/उज्जैन, वन्देमातरम् न्यूज।
बाबा महाकाल और माँ पार्वती का विवाह समारोह का उल्लास उज्जैन में छाने लगा है। सोमवार से शिवरात्रि तक 9 दिनी विवाह आयोजन धूमधाम से मनाने के अलावा बाबा महाकाल और माँ पार्वती को दूल्हा-दुल्हन के रूप में सजाने के साथ विवाह पूर्व की प्रक्रिया विधि-विधान से शुरू हो गई। दूसरे दिन मंगलवार को दूल्हे बाबा महाकाल हल्दी लगाई गई।
शिवनवरात्रि पर्व का उल्लास धर्मनगरी उज्जैन में नजर आने लगा है। सोमवार को पहले दिन भगवान का चंदन से श्रृंगार किया गया और उन्हें सोला व दुपट्टा धारण कराकर चाँदी का मुकुट और आभूषण धारण कराए गए थे।
उल्लेखनीय है कि एक मार्च को महाशिवरात्रि पर्व का आयोजन होगा। सोमवार से 9 दिवसीय शिवनवरात्रि पर्व की शुरुआत हो गई है। मंगलवार को मंत्रो के उच्चारण के बीच बाबा को हल्दी लगाई गई। लगातार 9 दिन तक भगवान शिव और पार्वती के विवाह समारोह के पूर्व के सभी कार्यक्रम चलेंगे। इसमें रोजाना भगवान भोलेनाथ और पार्वती को दूल्हा-दुल्हन के रूप में सजाया जाएगा। शिव पार्वती को रोजाना हल्दी, कुमकुम अर्पित किए जाएँगे तथा बारात रवाना होने से पहले तक भगवान महाकाल के विभिन्न स्वरूपों में भक्त दर्शन कर पाएँगे।
भोग आरती और संध्या पूजा का बदला समय
पुजारी आशीष गुरु ने वन्देमातरम् न्यूज से चर्चा के दौरान बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में विशेष अभिषेक पूजन का क्रम शुरू हो गया है। भोग आरती सुबह साढ़े 10 बजे की बजाय दोपहर 1 बजे होगी तथा संध्या पूजा भी शाम 5 बजे की बजाय दो घंटे पहले 3 बजे दोपहर में होगी।
इन रूपों में नजर आएंगे बाबा महाकाल
दूल्हा बने भगवान महाकाल मंगलवार को हल्दी लगने के बाद शेष नाग स्वरूप में नजर आएं, बुधवार को तीसरे दिन घटाटोप स्वरूप में, चौथे दिन छबीना श्रृंगार तथा पांचवें दिन होल्कर रूप में बाबा का श्रृंगार किया गया जाएगा। शिवनवरात्रि के छटवें दिन महाकाल का मनमहेश रूप में श्रृंगार होगा और सातवें दिन उमा महेश स्वरूप में, आठवें दिन शिव तांडव स्वरूप में भगवान को श्रृंगारित किया जाएगा।महाशिवरात्रि पर पूरी रात महानिशाकाल में भगवान की विशेष पूजा की जाएगी। इसके बाद अगले दिन तड़के 4 बजे दो मार्च को भगवान महाकाल को सप्तधान मुखारबिंद धारण कराकर सवा मन फल और फूलों का सेहरा चढ़ाया जाएगा।