देश की सबसे पहली होली जलती है महाकाल के आंगन में, 15 से बदलेगा तीन आरती का समय, अब ठंडे जल से होगा स्नान
उज्जैन, वंदेमातरम् न्यूज। होलिका दहन के लिए मुहूर्त कुछ भी हो लेकिन देश की सबसे पहली होली महाकाल के आंगन में ही जलती है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में शाम की आरती के बाद होली जलाई जाती है। यह देश का सबसे पहला होलिका दहन होता है। फागुन मास की पूर्णिमा पर महाकाल मंदिर में होलिका दहन का भव्य आयोजन होता है। इसके बाद बाबा महाकाल अपने भक्तों के साथ होली खेलते हैं।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में 13 मार्च को होलिका दहन होगा। 14 मार्च को धुलंडी का पर्व मनाया जाएगा। परंपरानुसार ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर की तीन आरतियों के समय में बदलाव किया जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा से ठंड के मौसम की शुरुआत होने से उन्हें भस्मआरती में गर्म जल अर्पित किया जा रहा है। अब फिर से गर्मी बढ़ने से फाल्गुन पूर्णिमा पर उन्हें ठंडा जल अर्पित किया जाएगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि 15 मार्च से ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर भगवान की आरतियों के समय में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से अश्विन पूर्णिमा तक परिवर्तन होगा। 13 मार्च की संध्या आरती में महाकालेश्वर को हर्बल गुलाल अर्पित करने के साथ शकर की माला चढ़ाई जाएगी।
आरती के समय में बदलाव आधे घंटे कम होगा समय
– आरती सुबह 7.30 की जगह 7 से 7.45 बजे तक।
– भोग आरती सुबह 10.30 की जगह 10 से 10.45 बजे से।
– संध्या आरती शाम 6.30 की जगह 7 बजे से।
इनमें कोई बदलाव नहीं
– भस्मआरती तड़के 4 से सुबह 6 बजे तक और शयन आरती रात 10.30 से 11 बजे तक।
(जैसा पुजारी महेश गुरु, पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया।)