रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिले से 45 किलोमीटर दूर ढोढर स्थित फोरलेन किनारे खेत में पांच दिन पूर्व मिले युवती के शव की शिनाख्त खाचरौद तहसील के गांव नरेड़ीबेरा (जिला उज्जैन) निवासी के रूप में हुई है। मृतिका रतलाम में सखवाल नगर स्थित किराये के मकान में रहकर नर्सिंग स्टूडेंट थी। इधर शव की अब तक शिनाख्त नहीं होने पर जावरा में पोस्टमार्टम के बाद शव पुलिस ने शुक्रवार को दफना दिया था। शनिवार को परिजन युवती के मोबाइल स्वीच ऑफ और किराये के मकान में ताला लगा होने पर रतलाम के औद्योगिक थाने पर गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचे। यहां पर पुलिस ने परिजन को ढोढर में मिले शव के फोटो जब दिखाए तो वह भावुक हो गए और उन्होंने उसकी पहचान सविता (20) पिता भरतसिंह राठौर के रूप में की है। शव की शिनाख्ती के बाद पुलिस ने जावरा में दफन किए शव को गड्ढा खोद बाहर निकाला है।

गौरतलब है कि 2 अप्रैल-2024 को ढोढर के समीप फोरलेन स्थित एक खेत में अर्धनग्न युवती की गला रेत लाश मिली थी। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने पाया था कि शव किसी अज्ञात आरोपी ने युवती की निर्मम हत्या कर 12 घंटे पूर्व शव फेंका है। युवती के शरीर पर अंडर गारमेंट्स के अलावा एक कुर्ती का टुकड़ा मिला था। युवती के गला रेता हुआ था और शरीर पर कई जगह गंभीर चोट के निशान पाए गए थे। युवती के गले में चेन, हाथ में अंगूठी व कान में सोने के टॉप्स मिलने के बाद पुलिस ने संभावना जताई थी कि इसकी हत्या लूट के इरादे से नहीं करते हुए किसी ने विश्वास में लेकर उसे साथ लाया और युवती का गला रेता है। पुलिस ने शव की शिनाख्ती के लिए जिले के अलावा दूसरे राज्यों की पुलिस और सोशल मीडिया का भी उपयोग किया था। शनिवार सुबह उज्जैन जिले के नरेड़ीबेरा गांव के धीरेंद्रसिंह पिता भरतसिंह राठौर परिजनों के साथ रतलाम औद्योगिक पुलिस थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि बहन का मोबाइल पिछले चार दिन से बंद है। किराये के घर पर ताला लगा हुआ है।
मृतिका के भाई धीरेंद्र सिंह ने वंदेमातरम् न्यूज को बताया कि उनके पिता भरतसिंह राठौर का दो वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। घर में उनकी मां के अलावा उसकी दो बहने थी, जिसमें सविता बड़ी बहन थी। मृतिका के भाई धीरेंद्र सिंह के अनुसार उसकी आखरी बार रविवार शाम करीब 6 से 7 बजे के बीच सविता से बात हुई थी। सोमवार को मोबाइल लगाने के बाद स्वीच ऑफ मिला। मृतिका सविता अधिकतर मोबाइल स्वीच ऑफ रखती थी। उन्होंने लगातार कॉल किए, लेकिन मोबाइल बंद ही मिला। इसके बाद परेशान भाई धीरेंद्र सिंह और परिजन शनिवार सुबह रतलाम पहुंचे। मृतिका सविता के मामा गजराज सिंह पिता शंभूसिंह ने वंदेमातरम् न्यूज को बताया कि होली पर भानजी सविता घर आई थी। रविवार को भानजे धीरेंद्र सिंह के साथ वह सविता को रतलाम छोडऩे आए थे। शव की शिनाख्ती के बाद जावरा में जिस स्थान पर गड्ढा खोद शव दफनाया वहां पर खुदाई कर शव को बाहर निकाला है। मामले में अभी पुलिस कुछ भी अधिकारिक रूप से नहीं कह रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार शव की शिनाख्त हो चुकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।